हिमाचल में नशे की रोकथाम को सरकार शुरू करेगी एंटी-चिट्टा वालंटियर योजना, 1 हजार से अधिक स्वयंसेवक हाेंगे तैनात

punjabkesari.in Friday, Sep 26, 2025 - 12:11 AM (IST)

शिमला (राक्टा): नशा मुक्त हिमाचल को लेकर जारी अभियान के तहत अब सुक्खू सरकार एंटी-चिट्टा वालंटियर योजना (एसीवीएस) शुरू करने जा रही है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की घोषणा के अनुरूप इसी संबंध में प्रदेश पुलिस विभाग ने एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेज दिया है। योजना के तहत 1 हजार से अधिक एंटी-चिट्टा वालंटियर तैनात किए जाएंगे। ये वालंटियर पुलिस, जनता और अन्य हित धारकों के मध्य एक मजबूत सहभागिता सुनिश्चित करेंगे। वालंटियर समाज और युवाओं को चिट्टा और अन्य नशीले पदार्थों के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करेंगे। साथ ही संदिग्ध गतिविधियों, हॉटस्पॉट और अपराधियों की गुप्त रूप से जानकारी पुलिस को देंगे। ये स्कूलों, कॉलेजों व समुदायों में जागरूकता कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी निभाएंगे। इसके अलावा ये रैलियों, नुक्कड़ नाटकों, सोशल मीडिया और जागरूकता अभियानों में सहयोग करेंगे तथा प्रभावित व्यक्तियों को परामर्श एवं पुनर्वास केंद्रों से जोड़ेंगे। 

मानदेय भी मिलेगा और पहचान भी रहेगी गुप्त
योजना के तहत पंजीकृत स्वयंसेवियों को सेवाओं के लिए मानदेय भी प्रदान किया जाएगा। गौर हो कि मुख्यमंत्री ने नशे के खिलाफ मुहिम को विशेष प्राथमिकता दी है। ऐसे में इस संबंध में सरकार द्वारा कई पहल भी की गई हैं। सरकार का मानना है कि इस नई योजना से जमीनी स्तर पर खुफिया तंत्र सुदृढ़ करने, युवाओं और समाज में जागरूकता लाने, प्रभावित लोगों को बेहतर पुनर्वास सेवा प्रदान करने और पुलिस-जनता के मध्य सहभागिता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस पहल का मुख्य उद्देश्य नशामुक्त हिमाचल के ध्येय को साकार करना है। योजना के तहत स्वयंसेवकों की सुरक्षा के दृष्टिगत उन्हें फील्ड आइडैंटिफिकेशन में शामिल नहीं किया जाएगा। पुलिस द्वारा इनकी पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। संवेदनशील मामलों में इन्हें सुरक्षा भी प्रदान की जाएगी।

2 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम
स्वयंसेवकों के लिए 2 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। इसमें एनडीपीएस एक्ट की मूल जानकारी, पुलिस प्रक्रियाओं और सामुदायिक सहभागिता के संबंध में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

पंचायत स्तर पर मैपिंग
नशे पर अंकुश लगाने के लिए सरकार द्वारा पंचायत स्तर पर मैपिंग करवाई जा रही है। इसी तरह सरकार ने नशा तस्करी पर रोक लगाने के लिए स्पैशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) का गठन भी किया है। तस्करों की सूचना देने के लिए आम जनता को ड्रग फ्री हिमाचल एप और टोल-फ्री हैल्पलाइन नंबर 1908 का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान बताए बिना आसानी से गोपनीय जानकारी प्रदान कर सकता है।

नशे के विरुद्ध शुरू की गई जंग : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि पदभार ग्रहण करते ही प्रदेश सरकार ने नशे के विरुद्ध जंग शुरू की है और कई ठोस कदम भी उठाए हैं। प्रदेश सरकार ने स्वापक औषधि और मन प्रभावी पदार्थ अधिनियम लागू किया है जबकि पूर्व भाजपा सरकार ने ऐसा नहीं किया था। नशा माफिया की 42 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की है और पुलिस भर्ती में चिट्टे की जांच अनिवार्य की है। प्रदेश सरकार युवाओं को नशे के चंगुल से बचाने के लिए पिछले अढ़ाई वर्षों से निरंतर सकारात्मक प्रयास कर रही है।


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Vijay

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