Himachal: चंबा में ये दुर्लभ और अनोखी प्रजाति विलुप्त होने का खतरा, केवल 250 ही बचे
punjabkesari.in Monday, Apr 28, 2025 - 12:42 PM (IST)

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में पाई जाने वाली एक दुर्लभ और अनोखी प्रजाति, चंबा सेक्रेड लंगूर (चंबा पवित्र लंगूर), के विलुप्त होने का खतरा मंडराने लगा है। हाल ही में किए गए सर्वेक्षण से यह सामने आया कि इस प्रजाति के केवल 250 लंगूर ही चंबा जिले में बचे हैं। इनकी घटती संख्या को देखते हुए अब वन विभाग ने इनके संरक्षण के लिए विशेष अभियान शुरू कर दिया है। वन विभाग द्वारा ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है और उन्हें बताया जा रहा है कि यह प्रजाति न केवल चंबा की बल्कि पूरी दुनिया की प्राकृतिक धरोहर है, जिसे बचाना हम सभी की जिम्मेदारी है।
ग्रामीणों से अपील
वन विभाग ने गांवों में रहने वाले लोगों से अपील की है कि वे किसी भी स्थिति में इन लंगूरों को नुकसान न पहुंचाएं और उनके प्राकृतिक आवास को संरक्षित रखें। लंगूर की इस प्रजाति का संरक्षण न केवल स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए जरूरी है, बल्कि यह चंबा के जैव विविधता के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में भी माना जाता है। वन विभाग ने इसके संरक्षण के लिए लोगों को सहयोग देने का आग्रह किया है ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इसे देख सकें।
चंबा सेक्रेड लंगूर की विशेषताएं
चंबा सेक्रेड लंगूर की पहचान उसके अनोखे शरीर से होती है। इसके शरीर पर ग्रे रंग के बाल होते हैं और इसकी लंबी पूंछ इसे अन्य लंगूरों से अलग पहचान देती है। इसे हिमालयन ग्रे लंगूर भी कहा जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रजाति केवल हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में पाई जाती है। हालांकि कुछ शोधकर्ताओं का यह अनुमान है कि इस प्रजाति की उपस्थिति पाकिस्तान और कश्मीर में भी हो सकती है, लेकिन इसका कोई ठोस प्रमाण अब तक नहीं मिला है। चंबा के ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में यह लंगूर सुरक्षित देखे गए हैं, लेकिन अब इनकी संख्या काफी कम हो चुकी है, जिससे विलुप्त होने का खतरा बढ़ गया है।
चंबा सेक्रेड लंगूर का आहार
चंबा सेक्रेड लंगूर मुख्य रूप से जंगलों में उगने वाले फल, बीज, फूल, जड़ें, छाल और कलियां खाते हैं। यह अपनी भोजन संबंधी आदतों में भी अन्य लंगूरों से अलग है। यह प्रजाति अपने आहार के लिए पूरी तरह से जंगलों में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर रहती है। उनकी भोजन संबंधी आदतें और उनके आहार की पसंद उन्हें अन्य लंगूरों से विशिष्ट बनाती हैं।
संरक्षण का महत्व
मुख्य वन अरण्यपाल अभिलाष दामोदरन ने बताया कि चंबा सेक्रेड लंगूर पूरी दुनिया में केवल चंबा जिले में पाया जाता है। इसकी संख्या में लगातार गिरावट हो रही है, जिससे यह प्रजाति संकट में है। वन विभाग इस दुर्लभ प्रजाति को बचाने के लिए पूरी गंभीरता से काम कर रहा है। स्थानीय लोगों को भी इस अभियान में शामिल किया जा रहा है ताकि मिलकर इस अनमोल प्राकृतिक धरोहर को सुरक्षित रखा जा सके। वन विभाग के इस अभियान का उद्देश्य चंबा सेक्रेड लंगूर को उसकी प्राकृतिक आवास में सुरक्षित करना है और इसके लिए स्थानीय समुदाय की भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है।