ये एचआरटीसी की बस है जनाब, सफर के दौरान यात्रियों के लिए धुआं फ्री है

punjabkesari.in Wednesday, Feb 02, 2022 - 09:51 PM (IST)

करसोग (धर्मवीर गौतम): करसोग उपमंडल में कुछ रूटों पर दौड़ रही खटारा बसें लोगों के लिए आफत बन गई हैं। करसोग डिपो को नई बसें न मिलने से अधिकतर रूट पुरानी बसों के सहारे चलाए जा रहे हैं, ऐसे में आए दिन लोकल रूटों पर कुछ बसें तो रास्तों में ही खराब होने से खड़ी हो रही हैं, जबकि कुछ खटारा बसें घना धुआं छोड़कर प्रदूषण फैला रही हैं। ऐसी ही करसोग डिपो की बुधवार को निहरी से आ रही एक बस नंबर (एचपी 28ए-1421) रास्ते भर में धुआं छोड़ती हुए पहुंची, जिस कारण लोगों काे सांस लेना भी मुश्किल हो गया।

करसोग डिपो के बेड़े में कुल 54 बसें हैं, जिनमें से अधिकतर की स्थित खराब है। पुरानी होने की वजह से ये बसें खटारा हो गई हैं। डिपो को 13 बसें जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत मिली हैं, जिसमें 3 बसें खराब होकर वर्कशॉप में खड़ी हैं। इसी तरह से 3 बसों का परमिट खत्म हो गया है। करसोग डिपो के तहत 48 बसें रूटों पर दौड़ रही हैं लेकिन इसमें कुछ बसें धक्का स्टार्ट हैं। इस तरह से एचआरटीसी की बसों में सफर करते हुए यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को कहना है कि यात्रियों का सफर सुरक्षित व आरामदायक हो, इसके लिए सरकार को डिपो के लिए नई बसें भेजनी चाहिए। लोकल रूटों पर भेजी जा रही खटारा बसें आधे रास्ते में ही खड़ी हो जाती हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

उधर, करसोग डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक सुभाष रंहोत्रा का कहना है कि 4 साल से डिपो को नई बसें नहीं मिली हैं। जो बसें खराब हैं उसके लिए सामान मंगवाया गया है। जल्द ही इन बसों की मुरम्मत की जाएगी। अभी 3 बसों की मुरम्मत कर भी दी है। जहां तक बसें धक्के से स्टार्ट होने की बात है तो सर्दियों में इस तरह की दिक्कत हो जाती है। उन्होंने कहा कि लोगों को अच्छी सुविधा देने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।

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Content Writer

Vijay

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