टूरिस्ट प्लेस बनेगा ऊना का ये इलाका, पर्यटन मानचित्र में होगा दर्ज (Watch Video)

punjabkesari.in Wednesday, Sep 11, 2019 - 05:13 PM (IST)

ऊना (अमित): हिमाचल प्रदेश में दर्जनों पर्यटन स्थल हैं जहां सालभर देश-विदेश से लाखों सैलानी प्राकृतिक सुंदरता के दीदार को पहुंचते हैं लेकिन हिमाचल का ही जिला ऊना पर्यटन क्षेत्र में काफी पिछड़ा हुआ है। ऊना को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए अब प्रयास शुरू हो गए है। इसकी कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र से हुई है। कुटलैहड़ क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कुटलैहड़ पर्यटन सोसायटी का भी गठन किया गया है। यह सोसायटी क्षेत्र में पर्यटन स्थलों को चिन्हित करके जिला प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंप रही है। इसी कड़ी में वन विभाग ने पहल करते हुए इको टूरिज्म के तहत एक ट्रेक रूट को तैयार करने का बीड़ा उठाया है, जिस पर तेजी से काम भी शुरू कर दिया गया है। यह ट्रैकिंग रूट बंगाणा-हमीरपुर रोड़ पर स्थित गांव बेरी से सोलह सिंगी धार के एतिहासिक किलों तक तैयार किया जा रहा है, इसकी दूरी लगभग 3 किलोमीटर है।  
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ट्रैकिंग करते हुए सैलानी कुटलैहड़ की सुंदरता को निहारेंगे

इस पर ट्रैकिंग करते हुए सैलानी कुटलैहड़ की सुंदरता को निहारते सकते हैं। पर्यटकों की सहूलियत के लिए इस रास्ते पर साइन बोर्ड लगाए गए हैं, इसमें वाइल्डलाइफ के साथ साथ जिला ऊना में पाए जाने वाले पशु-पक्षियों के बारे में बताया गया है। इस ट्रैक के दौरान पर्यटक विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों के साथ-साथ झरझर बहते पानी का भी दीदार कर सकते है। वहीं रास्ते में वन विभाग द्वारा बांस से बनाये गए बैंच बह स्थापित किये जा रहे है जिस पर बैठकर पर्यटक अपनी थकान दूर कर सकते है। प्राचीन किलों पर पहुंचकर सैलानी हमीरपुर और ऊना जिला के विभिन्न गांवों को देख सकेंगे वहीँ किलों से गोबिंद सागर का विहंगम नजारे का लुत्फ भी उठा पाएंगे। 
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यह 100 साल पुराना है ट्रैकिंग रूट 

यह ट्रैक रूट भी एक ऐतिहासिक है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह 100 साल पुराना ट्रैकिंग रूट है, तब छोटे पगडंडी मार्ग के रूप में प्रयोग होता था। अब इसे वन विभाग ने कुछ बेहतर बना दिया है। इसे कुटलैहड़ के पूर्व राजा महेंद्र पाल के पूर्वज काल से बनाया गया है। इस ऐतिहासिक रूट को वन विभाग के युवा अधिकारी यशुदीप सिंह की इच्छाशक्ति के चलते पर्यटकों के लिए खोला गया है। इस ट्रैकिंग रूट के तैयार होने के बाद पर्यटकों को इस पर ट्रेकिंग करने के लिए वाकायदा परमिट जारी होगा जिसे रेंज ऑफिसर बंगाणा द्वारा जारी किया जाएगा। वन मंडलाधिकारी यशुदीप सिंह ने बताया कि वन विभाग इस ट्रेकिंग रूट को बेहतर तरीके से तैयार किया जा रहा है। यशुदीप सिंह ने बताया कि इस रूट पर सेल्फी पॉइंट भी बनाए जाएंगे। 
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पर्यटन स्थलों के निर्माण से रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे

वन मंडलाधिकारी ने कुटलैहड़ में जल्द ही कई और ट्रेकिंग रुट तैयार करने का भी दावा किया। बेशक वन विभाग द्वारा अभी तक इस ट्रेक रूट को तैयार किया जा रहा है लेकिन जैसे-जैसे पर्यटकों को इसकी जानकारी मिल रही है वो इस पर ट्रेकिंग के लिए आना शुरू भी हो गए हैं। ट्रैकरों की मानें तो यह एक बहुत सुंदर ट्रैक है और इस पर ट्रेकिंग करते हुए जंगल, पहाड़, पानी के साथ-साथ पशु पक्षी भी देखने को मिल रहे हैं। ट्रैकरों की मानें तो सरकार को पर्यटन की दृष्टि से ऐसे कदम उठाते रहना चाहिए ताकि क्षेत्र में पर्यटन व्यवसाय विकसित हो सके। कुटलैहड़ क्षेत्र में पर्यटन शुरू होने की कदमताल से स्थानीय लोग भी खासे उत्साहित हैं। स्थानीय लोगों की माने तो पर्यटन स्थलों के निर्माण से रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। क्षेत्र का नाम भी पर्यटन मानचित्र पर उभरेगा।


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Ekta

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