सिरमौर का ये इलाका है कुछ खास, माघ महीने में निभाई जाती है यह परंपरा (Pics)

punjabkesari.in Saturday, Jan 18, 2020 - 04:34 PM (IST)

नाहन (सतीश): सिरमौर जिला का गिरिपार इलाका अपनी प्राचीन संस्कृति के लिए जाना जाता है। यहां कई तरह की परंपराएं आज भी कायम हैं। इसी तरह की एक है दैवीय जागरण परंपरा, जो खासकर इस माह यानी माघ महीने के दौरान निभाई जाती है। आखिर क्या है यह परंपरा आइए आपको बताते हैं।
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गिरिपार क्षेत्र देव संस्कृति के लिए अपनी अलग पहचान रखता है। इलाके में माघ महीने में दैवीय जागरण की परंपरा सदियों से चली आ रही है, जिसे आज भी बखूबी निभाया जा रहा है। क्षेत्र की आराध्य माता बिजाई देवी के पुजारी बुधराम शर्मा ने बताया कि पूरे माघ महीने के दौरान बिजाई माता के साथ दैवीय जागरण के लिए पूरे इलाके का भ्रमण करते हैं।
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देव जागरण में पूरे इलाके की सुख-समृद्धि की कामना की जाती है। देव जागरण के दौरान रात में 3 बार देवता का विशेष पूजन पारंपरिक ढोल-नगाड़े की धुन पर किया जाता है। रात के समय मुख्य पुजारी द्वारा देव गाथा गाई जाती है, जिसे सुनने बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं, साथ ही उन्होंने बताया कि इस माह देव जागरण करना शुभ माना जाता है जो सर्व समाज के लिए कल्याणकारी रहता है।
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वघर में देवता को मक्की या गेहूं के दानों के ऊपर बिठाया जाता है। धारणा यह भी है कि इससे आने वालेे साल मेंं फसल का अच्छा उत्पादन होता है। स्थानीय निवासी लायक राम शर्मा ने बताया कि वह अपने घर में कई सालों से माघ महीने में देव जागरण करते आ रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि उनके घर में यह परंपरा बुजुर्गों के समय से चली आ रही है, जिसे वह आज भी निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके गांव कांडो में हर घर में इस माह के दौरान देव जागरण होता है। इलाके में जिस भी घर में जागरण होता है वहां बड़ी संख्या में लोग देव दर्शन करने आते हैं लोगों की यहां देवी-देवताओं में भारी आस्था है।


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Vijay

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