त्राहि-त्राहि कर रहे देश में तानाशाहों का बढ़ा बोलबाला : राणा

punjabkesari.in Thursday, Jan 07, 2021 - 06:20 PM (IST)

हमीरपुर : देश में लगातार खराब होते हालातों के बीच सरकार की तानाशाही देश को अराजकता के दौर में धकेल रही है। देश में त्राहि-त्राहि मची हुई है। आम आदमी के मुद्दे और मसलों की तरफ सरकार का कोई ध्यान नहीं है। ध्यान देना तो दूर की बात सरकार आम आदमी की समस्याओं पर संवाद तक नहीं करना चाहती है। मैं न मानूं की जिद्द पर वजिद तानाशाह सरकार जनता की एक नहीं सुनना चाहती। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष व सुजानपुर विधायक राजेंद्र राणा ने कही। उन्होंने कहा कि आम जनता को लगातार नजरअंदाज कर रही बीजेपी सरकार की कारगुजारी से लगता है कि यह सरकार जनता के लिए नहीं बल्कि पूंजीपतियों के लिए सत्तासीन हुई है। मसला महामारी, बेरोजगारी का हो या फिर रसात्तल में जा पहुंची जीडीपी का हो या आसमान छूती महंगाई का हो सरकार लगातार बचती हुई चर्चा से भाग रही है। उन्होंने कहा कि लोकसभा व विधानसभा के सत्रों के सवाल पर सरकार को कोविड का बहाना मिल गया है जिसको लेकर सरकार लगातार चर्चा से भाग व बच रही है। थमे हुए विकास और लगातार बढ़ रहे भ्रष्टाचार पर से सरकार से कोई जवाब देते हुए नहीं बन रहा है। 

मामला केंद्र सरकार का हो या हिमाचल सरकार का हावी प्रभावी लाल फीताशाही के राज में देश में माफिया दलालों का बोलबाला बढ़ा है लेकिन ताज्जुब यह है कि सरकार को देश में कोई मुद्दा नजर नहीं आ रहा है। नजर आए भी कैसे जब सरकार को सरकार न चला कर पूंजीपतियों की जुंडली सरकार को हांक रही है जबकि राज-काज के अस्त-व्यस्त माहौल में ब्यूरोक्रेसी अपने वारे-न्यारे कर रही है। ऐसे में अब आम आदमी बीजेपी से पूरी तरह न उम्मीद हो चुका है। किसान हताशा और निराशा में सड़कों पर संघर्षरत्त हैं और किसानों के जवान बेटे सरहदों पर सरकार की उदासीनता का शिकार होकर शहादतों के लिए लाचार हैं। 

सरकार झूठ पर झूठ बोलकर दिन काट रही है। कर्जे में लबालब डूबी राज्य सरकारें केंद्र की कठपुतली बन कर पूरी तरह पंगु हो चुकी हैं। राज्यों के गिरवी हो चुके अधिकारों को केंद्र सरकार अब धीरे-धीरे खत्म कर रही है जिससे आम आदमी का भरोसा राजनीति और लोकतंत्र से उठने लगा है। सरकार की तानाशाही का अगर यही आलम रहा तो वह दिन दूर नहीं जब इस देश पर सिर्फ और सिर्फ अंग्रेजी हकुमत की तरह तानाशाहों का बोलबाला होगा जिसमें आम आदमी को सांस लेने के लिए भी सरकार से इजाजत लेनी पड़ेगी। देश में सत्ता के दबाव में पंगु हुई कानून व्यवस्था के निकले जनाजे के बीच अब आम आदमी का जीना दिनों-दिन दुश्वार होता जा रहा है। बीजेपी के इस राज में अमीर अमीर और गरीब और गरीब हुआ है जिस कारण इस सरकार में सामाजिक संतुलन तबाही की कगार पर है।
 


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prashant sharma

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