Mandi: केंद्रीय दल ने थुनाग व जंजैहली में आपदा से हुए नुक्सान का लिया जायजा, प्रभावितों से नहीं हुआ संवाद

punjabkesari.in Sunday, Jul 20, 2025 - 06:42 PM (IST)

थुनाग (ख्यालीराम): मंडी जिला में बरसात के मौसम में बादल फटने, बाढ़ एवं भूस्खलन से हुए नुक्सान का आकलन करने पहुंचे केंद्रीय दल ने रविवार को थुनाग व जंजैहली के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। डीसी अपूर्व देवगन ने केंद्रीय दल को इन क्षेत्रों में हुए व्यापक नुक्सान बारे अवगत करवाया। इसके साथ ही यहां चलाए जा रहे बहाली कार्यों की जानकारी भी प्रदान की। इस दौरान स्थानीय विधायक एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी केंद्रीय दल के साथ मौजूद रहे। विशेष सचिव (राजस्व एवं आपदा प्रबंधन) डीसी राणा ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों से अवगत करवाया। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सचिन हीरेमठ, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी डाॅ. मदन कुमार, एसडीएम थुनाग रमेश कुमार सहित संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
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केंद्रीय दल ने इन स्थानों पर किया निरीक्षण
केंद्रीय दल ने बगस्याड़ व साथ लगते शरण गांवों, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान तथा अन्य क्षतिग्रस्त ढांचों, ग्राम पंचायत मुरहाग के फनयार तथा ढांगु धार में छड़ी खड्ड पर बनी पेयजल योजना को हुई क्षति की जानकारी प्राप्त की। इसके साथ ही आपदा से बुरी तरह प्रभावित देजी गांव में बाढ़ में बह गई सड़क व अन्य सार्वजनिक संपत्ति, लंबाथाच में शैक्षणिक संस्थानों, पांडवशिला व कुथाह में सड़कों तथा अन्य सार्वजनिक व निजी संपत्ति तथा बुंगरैलचौक में सड़क अधोसंरचना, स्थानीय बाजार सहित अन्य आधारभूत ढांचे को हुए नुक्सान का भी निरीक्षण किया।

प्रभावितों से संवाद की कमी बनी निराशा का कारण
हालांकि, केंद्रीय दल का दौरा सड़क मार्ग तक सीमित रहा और स्थानीय प्रभावितों से संवाद न्यूनतम रहा, जिससे लोगों में निराशा देखी गई। बगस्याड़ में शरण गांव और आईटीआई का निरीक्षण किया गया, लेकिन प्रभावितों नरोत्तम राम और चेतना से बात नहीं हुई। मुरहाग के फनैर गांव में भी टीम 15-20 मिनट रुकी लेकिन सुराह-खनागी जैसे प्रभावित क्षेत्रों में नहीं पहुंच पाई। थुनाग बाजार में 150 प्रभावित मौजूद थे, लेकिन उनसे भी कोई संवाद नहीं हुआ। पखरैर में खराब सड़क के कारण दल गांव तक नहीं पहुंचा लेकिन सड़क ठीक करने के निर्देश जरूर दिए। इसके अलावा ढीम कटारू में दल नहीं पहुंचा, जहां कई घर क्षतिग्रस्त हुए थे। वहीं धार-जरोल और तुंगाधार में भी प्रभावितों से न्यूनतम बातचीत हुई।


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Content Writer

Vijay

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