फोरलेन परियोजना के पैमाइश कार्यक्रम का अगला चरण जल्द, 936 सरकारी व गैरसरकारी परिसरों का मिट जाएगा अस्तित्व

punjabkesari.in Tuesday, Dec 01, 2020 - 11:21 AM (IST)

नूरपुर (राकेश): फोरलेन परियोजना के प्रथम चरण के 37 किलोमीटर के निर्माण में करीब 3800 परिवार प्रभावित होने जा रहे हैं। नैशनल हाईवे प्राधिकरण के सूत्रों के अनुसार 917 निजी भवन जिनमें आवासीय व कारोबारी भवन शामिल हैं का अस्तित्व मिटने जा रहा है। इतना ही नहीं 19 सरकारी भवन जिनमें सरकारी स्कूल भी शामिल हैं इतिहास के पन्ने बन जाएंगे। हजारों वृक्षों का कत्लेआम भी सुनिश्चित है। सबसे ज्यादा भवन जसूर से सटे छतरौली जो कि वासा महाल में पड़ता है अपना अस्तित्व खो रहे हैं जिनकी संख्या 190 है, जबकि अगला नंबर कंडवाल का आता है जहां 148 आशियाने, कारोबारी परिसर गर्क हो जाएंगे। नागाबाड़ी में 104, जाच्द में 66 भडवार में 49, कंड करडियां में 27 व वौड़ में 11 परिसर मिटने जा रहे हैं। 37 किलोमीटर लंबे सड़क के इस भाग पर स्थित विभिन्न कस्बों के सर्कलों के प्रति मीटर रेट इस प्रकार तय किए गए हैं। सर्वाधिक प्रति मीटर रेट जसूर का 8000 है जबकि कंडवाल, पक्का टियाला, नागावाड़ी, राजा बाग व नगलाहड़ के लिए यह रेट 7000 तय हुआ है। 5 हजार की रेट श्रेणी में छतरौली व वास महाल आ रहे हैं तथा खुशीनगर को भी यही रेट नसीब हुए हैं।

4 हजार प्रति मीटर दर वाली श्रेणी में गही लगोड़, नागनी, द्रग, भडवार, खज्जियां, कोहडी व नागे दा पैल शामिल हैं। जौंटा वैलअ के तहत वंड करडियां, मनकोट, सुंजाता, मऊ, टटल आदि भी 4 हजार वाले वर्ग में आ रहे हैं। प्राधिकरण के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि कंडवाल में हाल ही में पैमाइश का कार्य जोकि सैंपल के तौर पर किया गया था को आगे के स्थानों पर जल्द ही विधिवत शुरू किया जा रहा। गौरतलब है कि पैमाइश की रिपोर्ट नूरपुर प्रशासन को मिलने के बाद ही मुआवजा प्रदान करने की जटिल प्रक्रिया शुरू होगी, जिसका इंतजार बेसव्री से किया जा रहा है।


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Jinesh Kumar

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