परौर से पधर तक फोरलेन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया फिर होगी शुरू

punjabkesari.in Saturday, Apr 06, 2024 - 09:57 PM (IST)

पालमपुर (भृगु): भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण वित्तीय वर्ष में परौर और पधर के बीच पठानकोट-मंडी फोरलेन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया फिर से आरम्भ करेगा। राज्य सरकार के अनुरोध पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा इस खंड के लिए भूमि अधिग्रहण गत वर्ष बंद कर दिया था। पहले इस खंड पर डबललेन हाईवे बनाने की प्रस्तावना तैयार की गई थी परंतु गत वर्ष प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही प्रदेश सरकार ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से यातायात की अधिक मात्रा को ध्यान में रखते हुए टू लेन के स्थान पर इस स्ट्रैच का फोरलेन निर्माण का आग्रह किया, जिसे यातायात की अधिक मात्रा को ध्यान में रखते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी। पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय उच्च मार्ग को फोरलेन बनाने के लिए 5 चरणों में इसका कार्य किया जाना है। प्रथम तथा द्वितीय चरण चक्की ब्रिज से राजौल के मध्य पहले ही कार्य प्रगति पर है तथा इस वर्ष के अंत तक इस स्ट्रैच में अधिकांश कार्य पूरा कर लिया जाएगा। ठानपुरी से परौर के मध्य कार्य को भी अवार्ड किया जा चुका है। 

निजी कंपनी को सौंपा पधर और बिजनी के बीच 22 किलोमीटर की दूरी का कार्य 
सूत्रों के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में भूमि अधिग्रहण कर लिया जाएगा और उसके बाद परियोजना का क्रियान्वयन शुरू किया जाएगा। एनएचएआई ने परियोजना के इस खंड के लिए एक नई परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए पहले ही एक सलाहकार नियुक्त कर लिया था। जानकारी के अनुसार मंडी जिला के पधर से आगे एनएचएआई ने डबललेन राजमार्ग के निर्माण के लिए एक निजी कंपनी को 400 करोड़ रुपए में पधर और बिजनी के बीच 22 किलोमीटर की दूरी का कार्य सौंपा है। एनएचएआई के सूत्रों ने कहा कि 80 किलाेमीटर के परौर-पधर स्ट्रैच में पर्यावरण के दृष्टिगत और पहाड़ियों की कटाई से बचने के लिए परौर और मंडी के बीच के राजमार्ग को बदल दिया गया था। 

पठानकोट-मंडी की दूरी 171 किलोमीटर रह जाएगी
परियोजना पूरी होने पर पठानकोट-मंडी की दूरी 219 से घटकर 171 किलोमीटर रह जाएगी। पठानकोट-मंडी राजमार्ग देश के प्रमुख राजमार्गों में से एक है तथा यह राजमार्ग पठानकोट को मनाली के रास्ते लेह से जोड़ता है जाे सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। लद्दाख, लेह जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त यह सड़क और भी महत्वपूर्ण हो गई है क्योंकि सेना लेह और अन्य अग्रिम क्षेत्रों में आवश्यक आपूर्ति ले जाने के लिए सड़क का उपयोग कर रही है।
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Content Writer

Vijay

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