हिमाचल में इतने लाख मजदूरों ने नहीं किया मनरेगा में काम

punjabkesari.in Friday, May 05, 2017 - 06:50 PM (IST)

सोलन: हिमाचल प्रदेश में 8.91 लाख मजदूरों ने मनरेगा में काम ही नहीं किया। इन मजदूरों ने केवल जॉब कार्ड बनाने तक ही अपनी दिलचस्पी दिखाई है। काम की डिमांड के लिए कभी पंचायत का रुख भी नहीं किया। यही कारण है कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा इन मजदूरों को इनएक्टिव श्रेणी में रखा गया है। इस योजना का सुखद पहलू यह है कि 8.91 लाख मजदूरों के इनएक्टिव होने के बावजूद भी प्रदेश में करीब 11 लाख मजदूर काम कर रहे हैं। प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में ऐसे मजदूरों की संख्या सबसे अधिक 2,35,972 है जबकि दूसरे स्थान पर मंडी जिला है। इसमें इन मजदूरों की संख्या 1,36,673 है। 

2008 में सभी जिलों में लागू हो गई थी योजना
बता दें कि प्रदेश में अप्रैल, 2008 से सभी जिलों में यह योजना लागू हो गई थी। इससे पूर्व चम्बा, सिरमौर, कांगड़ा व मंडी जिला में ही इसे कार्यान्वित किया गया था। इस योजना के तहत जहां ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को नई दिशा मिली, वहीं लोगों को घर-द्वार पर रोजगार भी उपलब्ध हुआ। बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग इस योजना की ओर आकर्षित हुए। इस योजना में अपना पंजीकरण करवाने के लिए लोगों ने जॉब कार्ड बना तो लिए लेकिन कभी काम की डिमांड नहीं की। इसके कारण प्रदेश में जॉब कार्ड की संख्या तो बढ़ रही है लेकिन काम करने वाले मजदूरों की संख्या इसके आधी है।

स्वेच्छा पर निर्भर है योजना
प्रदेश में आज भी ऐसी संख्या काफी अधिक है जहां पर इस योजना के तहत न के बराबर ही काम हो रहे हैं। यह योजना स्वेच्छा पर निर्भर है। इस योजना के तहत जॉब कार्ड बनाने वाले लोगों को काम के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। जब व्यक्ति काम की डिमांड करेगा तो पंचायत को 15 दिन के अंदर उसे काम उपलब्ध करवाना होगा नहीं तो बेरोजगारी भत्ता देना होगा। 

दिहाड़ी का समय पर भुगतान न होने पर कम हुई दिलचस्पी 
सूत्रों का कहना है कि मनरेगा में दिहाड़ी कम होने के अलावा इसका समय पर भुगतान न होने के कारण लोग इस योजना में काम करने की दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में मजदूरों को अपनी दिहाड़ी के लिए कई महीनों तक इंतजार भी करना पड़ा है। हालांकि पिछले कुछ माह में इसमें सुधार हुआ है। अब मजदूरों की दिहाड़ी सीधे ही उनके बैंक खातों में जमा हो रही है। अब देखना है कि प्रदेश में 8.91 लाख मजदूर मनरेगा में काम की डिमांड करते है या नहीं। 

प्रदेश में मनरेगा में इनएक्टिव मजदूरों का जिला बार ब्यौरा

 जिला   मजदूरों की संख्या
 बिलासपुर       60055     
 चम्बा       76,123     
 हमीरपुर       52,224        
 कांगड़ा     2,35,972     
 किन्नौर        13,781    
 लाहौल स्पिति       10,164     
 कुल्लू       63,586      
 मंडी      1,36,673      
 शिमला       90,057      
 सिरमौर       60,393      
 सोलन       55,841
 ऊना       36,602        
 कुल      8,91,471

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