बेरहम दुनिया के डर से मां को कमरे में बंद कर देती है ‘बीमार बेटी’
punjabkesari.in Saturday, May 29, 2021 - 07:00 PM (IST)

कुल्लू (संजीव जैन): कुल्लू जिले में कार सेवादल निरंतर दीन-दुखियों की मदद कर रहा है और कोरोना कर्फ्यू के दौरान भी कार सेवादल ने जरूरतमंदों की सहायता के लिए हैल्पलाइन नंबर जारी किया है। हैल्पलाइन नंबर पर ही रायसन की जया देवी ने अपनी माता और बहन की दयनीय स्थिति का दुखड़ा सुनाया और कार सेवादल से मदद की गुहार लगाई। कार सेवादल संस्था के पदाधिकारियों ने रायसन बिहाल में जाकर भीखी देवी की स्थिति का निरीक्षण किया और पाया कि भीखी देवी अपनी बेटी के साथ रहती है। उसके पति की 2 साल पहले पैरालाइज होने से मृत्यु हो गई थी। उसके बाद तो जैसे उस पर दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा।
पति की मृत्यु को 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी भीखी देवी को विधवा पैंशन का लाभ नहीं मिला, वहीं उनके मकान की हालत भी ठीक नहीं है, जब भी बारिश होती है तो पानी मकान के अंदर आ जाता है। भीखी देवी की 3 बेटियां हैं और तीनों बेटियों की शादी हो गई थी लेकिन उनमें से एक बेटी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं रहती है। हालांकि उसकी शादी हुई थी लेकिन ससुराल के जुल्म को वह सह नहीं सकी और अपनी मां के साथ रहने लगी। अब मां-बेटी दोनों अकेले ही छोटे से कमरे में रहने के लिए मजबूर हैं। आसपास कोई भी आते-जाते शराबी इनके घर की तरफ रुख कर लेते हैं और उनसे बचने के लिए इनको काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। घर आने का रास्ता खुला है, चारदीवारी नहीं है।
मानसिक तौर से बीमार बेटी रूपदासी कई बार तो कई दिन अपनी मां को कमरे में ही बंद रखती है और कामकाज के लिए भी जाने नहीं देती। कहती है कि बेरहम लोगों से काफी डर लगता है। जीवन यापन करने के लिए मां को मजबूरन लोगों के खेतों में घास काटने के लिए जाना पड़ता है, जहां उसे मात्र 50 रुपए हर घंटे के हिसाब से पैसे दिए जाते हैं। भीखी देवी मानसिक तौर पर बीमार बेटी के इलाज के लिए भी पैसे नहीं जुटा पाती। मां-बेटी अकेले ही अपनी जिंदगी जीने को मजबूर हैं। वहीं संस्था की ओर से भीखी देवी को एक माह का राशन दिया गया और संस्था आगे भी इनकी हरसंभव सहायता करेगी।