Shimla: शीतकालीन सत्र के अंतिम 2 दिन अनुपस्थित रहेंगे मुख्यमंत्री सुक्खू
punjabkesari.in Saturday, Dec 07, 2024 - 09:36 PM (IST)
शिमला (कुलदीप): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू धर्मशाला के तपोवन में 18 से 21 दिसम्बर तक आयोजित होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम 2 दिन अनुपस्थित रहेंगे। उनका 20 व 21 दिसम्बर को राजस्थान के जैसलमेर में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाली राज्य के वित्त मंत्रियों एवं जीएसटी काऊंसिल की बैठक में शामिल होने का कार्यक्रम है। केंद्रीय मंत्री 20 दिसम्बर को राज्यों के वित्त मंत्रियों तथा 21 दिसम्बर को जीएसटी काऊंसिल बैठक की अध्यक्षता करेंगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जिनके पास वित्त विभाग भी है, वह प्रदेश सरकार की तरफ से इसमें शामिल होंगे। वित्तीय वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश होने से पहले यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्यों की तरफ से मिलने वाले सुझावों को केंद्रीय वित्त मंत्री बजट में शामिल कर सकती हैं।
मुख्यमंत्री इस दौरान हिमाचल प्रदेश को उदार वित्तीय मदद एवं केंद्रीय योजनाओं में हिस्सेदारी की मांग करेंगे। वह केंद्र सरकार से एनपीएस कर्मचारियों की जमा राशि 10,070 करोड़ रुपए लौटाने की मांग भी करेंगे। इसके अलावा पिछले वर्ष आई प्राकृतिक आपदा और बाढ़ से हुए प्रदेश को भारी नुक्सान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार से अलग से राहत पैकेज देने की मांग करेंगे। राजस्व घाटा अनुदान राशि (आरडीजी) में कटौती एवं ओपीएस लागू करने से प्रदेश को वित्तीय नुक्सान उठाना पड़ रहा है। प्रदेश सरकार की तरफ से इसकी भरपाई की मांग मुख्यमंत्री की तरफ से की जा सकती है। इस बैठक में स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा पर जीएसटी छूट को लेकर कोई फैसला भी लिया जा सकता है, साथ ही जीएसटी दर को घटाने एवं राज्यों की तरफ से मिलने वाले सुझावों के आधार पर कोई निर्णय लिए जाने की संभावना है।
शीतकालीन सत्र में लाए जाने हैं कई महत्वपूर्ण विधेयक
धर्मशाला के तपोवन में 18 से 21 दिसम्बर तक आयोजित होने वाला विधानसभा का शीतकालीन सत्र महत्वपूर्ण रहने वाला है। इस सत्र में कई महत्वपूर्ण संशोधन विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे। इसमें राधा स्वामी अस्पताल भोटा से जुड़ा संशोधन विधेयक भी सत्र में आएगा, ताकि इसके हस्तांतरण की प्रक्रिया को पूरा किया जा सके। इसके अलावा कई अन्य संशोधनों को लाने की भी सरकार तैयारी कर रही है। हालांकि सत्र के दौरान सिर्फ 4 बैठकें होंगी, लेकिन इसमें विभिन्न मुद्दों पर गर्मागर्म बहस होने की संभावना है।