Himachal: मुख्यमंत्री होना आसान नहीं, इसलिए हर दिल में जगह बना रहे हैं सुक्खू
punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 10:16 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): मुख्यमंत्री होना आसान नहीं है और इस काम को सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बखूबी साबित करके भी दिखाया है। इसी कारण वह आज हर दिल में अपनी जगह बना रहे हैं। उनकी बुधवार की दिनचर्या की बात करें तो वह सुबह 7 बजे नादौन विधानसभा के सेरा से निकले और सायं 8.30 बजे शिमला पहुंचे। उन्होंने इस दौरान लोगों के दुख-दर्द में शामिल होकर आपदा राहत का जायजा लिया और लोगों की समस्याएं सुनने के साथ सरकारी कार्यक्रम भी निपटाए। उन्होंने ऐसा करके न सिर्फ अपना दायित्व निभाया, बल्कि एक मानवीय कर्त्तव्य और जनता के प्रति अपने समर्पण को भी दर्शाया। मुख्यमंत्री सुबह 7 बजे नादौन विधानसभा क्षेत्र के सेरा विश्राम गृह में आमजन से मुलाकात के समय मोर्चे पर डट गए।
इसके बाद मौसम की प्रतिकूलता के बावजूद वह प्रातः 10 बजे सड़क मार्ग से आपदा प्रभावित धर्मपुर के लिए रवाना हुए। दोपहर 12 बजे वहां पहुंचकर उन्होंने 3 घंटे तक क्षेत्र का निरीक्षण किया, प्रभावितों से संवाद किया और उन्हें राहत प्रदान की। दोपहर बाद, मंडी जिले के थुनाग में राशन संकट की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री ने तत्काल एक्शन लिया। उन्होंने दोपहर बाद 3 बजे सरकाघाट के रैन गलू हैलीपैड के लिए उड़ान भरी, हालात का जायजा लिया तथा जरूरतमंदों को राहत सामग्री बांटी और उनका मनोबल बढ़ाया।
सायं 5.30 बजे रैन गलू से टेकऑफ कर 5.45 पर मुख्यमंत्री शिमला के जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डे पर पहुंचे। यहां से वह सीधे सोलन जिले के वाकनाघाट पहुंचे, जहां उन्होंने एचआरटीसी की 24 वोल्वो बसों को हरी झंडी दिखाकर जनता को समर्पित किया। यहां से लगभग 8.30 बजे मुख्यमंत्री वापस शिमला के लिए रवाना हुए। इसलिए कहते हैं कि मुख्यमंत्री होना आसान नहीं और सुक्खू बनना भी हर किसी के बस की बात नहीं?