Weather Update: हिमाचल में बारिश का कहर जारी, तीन दिन रहेगा यैलो अलर्ट

punjabkesari.in Saturday, Aug 23, 2025 - 09:52 PM (IST)

शिमला (संतोष): राज्य में बारिश का दौर लगातार जारी है, जिससे नुक्सान भी हो रहा है। शुक्रवार की रात्रि को मंडी जिला के बालीचौकी में चार मंजिला मकान जमींदोज हो गया है। कुल्लू की लगघाटी में नागूछोड़-दोघरी-समाणा मार्ग के टूट जाने से लोगों ने तारों का स्पैन बनाकर गाड़ी निकाली। हमीरपुर में हाईवे पर शनिवार को दूसरी बार भूस्खलन हुआ। चंडीगढ़-मनाली फोरलेन पर भी टूरिस्ट फंसे रहे।

शनिवार को ऑरैंज अलर्ट के बीच में शिमला, मनाली, मंडी व नेरी में खूब बारिश हुई। शिमला में 10, सुंदरनगर में 8, सोलन में 7.8, मनाली में 10, मंडी में 37, नेरी में 27 मिलीमीटर मेघ बरसे हैं, जबकि शुक्रवार रात्रि को नालागढ़ में 6, नादौन में 6, जोगिंद्रनगर में 5, जाटों बैराज में 3, नगरोटा सूरिया में 4, भरवाईं में 4, धौलाकुंआ में 3, नयनादेवी में 3, पांवटा में 3 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई। कुकुुमसेरी, सेओबाग व बजौरा में तेज हवाएं चली, जबकि जोत, मुरारी देवी, पालमपुर व कांगड़ा में मेघ गर्जन हुई।

मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिन भी कुछ जिलों में भारी वर्षा की संभावना है और 29 अगस्त तक मौसम खराब रहेगा। मौसम विभाग ने 24 अगस्त को मंडी और शिमला, 25 अगस्त को शिमला और सिरमौर, 26 अगस्त को ऊना और मंडी जिलों में यैलो अलर्ट रहेगा। 27 से 29 अगस्त तक भी बारिश का अनुमान है, लेकिन इसके लिए कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है।

लगातार बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं और कई जगह भूस्खलन हुआ है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार शनिवार शाम तक प्रदेशभर में एक नैशनल हाईवे व 312 संपर्क मार्ग भूस्खलन और मलबा आने से बंद हैं। इनमें मंडी जिला में 160, कुल्लू में 101 और कांगड़ा में 21 संपर्क मार्ग शामिल हैं। कुल्लू जिला का नैशनल हाईवे 305 भी कई जगह बंद पड़ा है। बिजली और पेयजल सुविधाओं पर भी असर पड़ा है। राज्यभर में 97 बिजली ट्रांसफार्मर और 51 पेयजल योजनाएं ठप्प हैं। इनमें अकेले मंडी जिला में 70 बिजली ट्रांसफार्मर और 36 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं।

प्रदेश में 20 जून से शुरू हुए मानसून सीजन ने भारी नुक्सान पहुंचाया है। प्रदेश में मॉनसून सीजन में फ्लैश फ्लड की 75, भूस्खलन की 74 और बादल फटने की 40 घटनाएं हो चुकी हैं। फ्लैश फ्लड की सबसे ज्यादा 41 घटनाएं लाहौल-स्पीति जिले में हुई हैं। भूस्खलन की सबसे ज्यादा 14 घटनाएं शिमला जिला में हो चुकी हैं। बादल फटने की सर्वाधिक 18 घटनाएं मंडी जिला में हुई हैं। कुल्लू जिला में 10, चम्बा में 5, शिमला व लाहौल-स्पीति में 3-3 बार और किन्नौर में एक बार बादल फटा।

बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, ऊना, सोलन और सिरमौर में बादल फटने की कोई भी घटना रिपोर्ट नहीं हुई है। अब तक 298 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इसमें मंडी और कांगड़ा में 48-48, चम्बा में 35, शिमला में 28, किन्नौर और कुल्लू में 26-26 तथा अन्य जिलों में कुछ मौतें शामिल हैं। इसके अलावा 37 लोग अभी भी लापता हैं और 356 लोग घायल हुए हैं।

प्रदेश को अब तक करीब 2,347 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 1,310 करोड़ रुपए और जलशक्ति विभाग को 769 करोड़ रुपए की क्षति हुई है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार अब तक 3,041 मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिनमें 675 मकान पूरी तरह ढह गए हैं। अकेले मंडी जिले में 1,456 मकानों को नुक्सान पहुंचा, जिसमें 490 मकान पूरी तरह ध्वस्त हुए। राज्यभर में 391 दुकानें और 2,728 पशुशालाएं भी नष्ट हुई हैं। इस दौरान 1,824 पालतू पशु और 25,755 पोल्ट्री पक्षी मारे गए हैं।

 


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Kuldeep

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