Shimla: मतदाता सूची को लेकर आपत्तियां दर्ज करने की समय सीमा समाप्त
punjabkesari.in Friday, Oct 17, 2025 - 11:19 PM (IST)

शिमला (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं व शहरी निकाय चुनावों में मतदाता सूची को लेकर आपत्तियां दर्ज करने की समय सीमा समाप्त हो गई है। मतदाता सूची को लेकर जो आपत्तियां आई हैं, उनका निपटारा 10 दिन के अंदर किया जाएगा। वहीं अब मतदाता सूची से छूटे लोग इसमें 13 नवम्बर के बाद अपना नाम दर्ज करवा सकेंगे, लेकिन इसके लिए उन्हें शुल्क अदा करना होगा। इसके तहत 13 नवम्बर के बाद 2 रुपए का शुल्क अदा कर पंचायतों में तथा 50 रुपए का शुल्क अदा कर शहरी निकायों की मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाया जा सकेगा।
राज्य में पंचायती राज संस्थाओं व शहरी निकाय चुनावों के लिए चुनाव आयोग इन दिनों मतदाता सूची को अंतिम रूप देने में लगा है। इसके तहत आयोग ने प्रारूप मतदाता सूची को लेकर लोगों से आपत्तियां व सुझाव आमंत्रित किए थे। इसके तहत वे लोग भी मतदाता सूची में अपने नाम दर्ज कर सकते थे, जिनके नाम इसमें नहीं हैं। जिनके नाम कहीं दूसरे स्थान या वार्ड में हैं, वे भी अपने नाम को ट्रांसफर करवा सकते थे, लेकिन अब आपत्तियां व सुझाव देने की समय सीमा समाप्त हो गई है। अब चुनाव आयोग हर स्तर पर सभी आपत्तियों का निपटारा करने के बाद 13 नवम्बर को अंतिम मतदाता सूची को प्रकाशित करेगा। उसके बाद ही छूटे हुए लोग मतदाता सूची में अपने नाम दर्ज करवा सकेंगे, लेकिन एक ओर जहां उन्हें शुल्क देना होगा, वहीं उन्हें नाम दर्ज करने के लिए डीसी को आवेदन करना होगा।
लिखित आवेदन पर ही करवा सकेंगे नाम दर्ज या ट्रांसफर
पंचायती राज संस्थाओं व शहरी निकाय चुनावों के लिए तैयार की जा रही मतदाता सूची में नाम दर्ज करने के लिए लिखित में आवेदन करना होगा। ऑनलाइन न तो नाम दर्ज होंगे और न ही ट्रांसफर किए जाएंगे, क्योंकि विधानसभा व लोकसभा के लिए तो ऑनलाइन नाम दर्ज करने की सुविधा है, लेकिन पंचायती राज संस्थाओं के लिए यह सुविधा नहीं है।
दिसम्बर के दूसरे सप्ताह में घोषित हो सकते हैं पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव
राज्य में 30 जनवरी से पहले पंचायती राज संस्थाओं का गठन होना अनिवार्य है, साथ ही शहरी निकाय के चुनाव भी होने हैं। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव 3 चरणों में होंगे तथा चौथे चरण में शहरी निकाय के चुनाव होने हैं। इन चुनावों की प्रक्रिया को पूरा करने में लगभग 45 दिन का समय लग जाता है। ऐसे में चुनाव आयोग को समय पर चुनावी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए दिसम्बर के दूसरे सप्ताह में चुनाव घोषित करने होंगे।
उधर, पंचायती राज विभाग ने अभी तक पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों के लिए रोस्टर जारी नहीं किया है। एक मामले में उच्च न्यायालय ने रोस्टर चुनाव घोषित होने से 90 दिन पहले जारी करने के आदेश दिए थे, लेकिन विभाग ने अभी तक इसे जारी नहीं किया है, जबकि आयोग ने एक वर्ष पहले ही विभाग को रोस्टर जारी करने को लेकर पत्र लिखा था। विभाग ने 15 अक्तूबर को रोस्टर जारी करने की भी बात कही थी। ऐसे में अब चुनाव आयोग ने फिर से पंचायती राज विभाग को रोस्टर जारी करने को लेकर पत्र लिखा है।