Shimla: स्टाफ वैजिटेरियन, बच्चों को दोपहर के भोजन में नहीं मिल रहे अंडे
punjabkesari.in Wednesday, Nov 13, 2024 - 06:54 PM (IST)
शिमला (प्रीति): प्रदेश के कई सरकारी स्कूलों में स्टाफ वैजिटेरियन होने के कारण बच्चों को दोपहर के भोजन में अंडे नहीं दिए जा रहे हैं। इन स्कूलों में बच्चों को इसकी जगह फल ही दिए जा रहे हैं, जबकि सरकार व विभाग के स्पष्ट आदेश हैं कि जो बच्चे नॉन-वैजिटेरियन हैं, उन्हें सप्ताह में एक बार अंडा दिया जाए और जो वैजिटेरियन हैं, उन बच्चों को फल दिए जाएं। इसको लेकर कई शिकायतें भी प्रारंभिक शिक्षा विभाग को मिली हैं, जिन पर विभाग ने कड़ा संज्ञान लिया है और मामले पर जांच बिठा दी है। विभाग के निदेशक आशीष कोहली ने संबंधित जिला उपनिदेशकों को इसकी जांच के आदेश दिए हैं।
इसके साथ ही सभी स्कूलों को आदेश दिए हैं कि स्कूल में छात्रों के न्यूट्रीशन को लेकर कोई लापरवाही हुई तो स्टाफ के साथ-साथ मिड-डे मील वर्कर्ज पर कार्रवाई होगी। विभाग ने स्पष्ट कहा है कि यदि कोई शिक्षक या मिड-डे मील वर्कर वैजिटेरियन है तो वह छात्रों को अंडा लाने व इसे उबालने से इंकार नहीं कर सकता है। ऐसा करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। गौर हो कि प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री बाल पौष्टिक आहार योजना शुरू की। इसका लक्ष्य 15,181 स्कूलों में नर्सरी से कक्षा 8वीं तक के छात्रों को पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाना है। योजना के तहत स्कूली बच्चों को सप्ताह में एक बार उबले अंडे या फल उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
महीने में एक बार शिक्षा उपनिदेशक को सौंपनी होगी रिपोर्ट
विभाग द्वारा ब्लॉक स्तर पर इसके लिए फंड दिया जा रहा है। स्कूलों को बीईईओ ही यह फंड वितरित करेंगे और महीने में एक बार इसकी रिपोर्ट शिक्षा उपनिदेशक को सौंपेगे। ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल प्रबंधन समिति भी अंडों की खरीद कर सकती है और बच्चों को उबले अंडे दे सकती है।