बरसात में इम्युनिटी कमजोर हाेने से लग जाती हैं कई बीमारियां, इन चीजों को लेकर बरतें सावधानी

punjabkesari.in Friday, Jun 28, 2024 - 06:43 PM (IST)

शिमला (संतोष): हिमाचल में मानसून की वर्षा होनी आरंभ हो गई है और बेशक मानसून का मौसम चिलचिलाती धूप और गर्मी से राहत देता है लेकिन बारिश का मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियां भी लेकर आता है। बरसात के मौसम में मानव शरीर की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है जिसके कारण लोग बीमारियों की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। इसके कारण डेंगू, मलेरिया, डायरिया, उल्टी, पेट दर्द और संक्रमण जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए मौसम के अनुसार खानपान में बदलाव करना बहुत जरूरी है।

जानकारी के अनुसार बरसात में स्किन से लेकर पाचन तक की बीमारियां परेशान करती हैं। स्किन पर एलर्जी, डेंगू फीवर, मलेरिया, फ्लू इंफैक्शन, गैस्ट्रोइंटाइटिस, टाइफायड, हैपेटाइटिस ए और डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया की बीमारी फैल सकती है। ज्यादातर बीमारियां मच्छरों और गंदगी से फैलती हैं। मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और टाइफायड जैसी घातक बीमारियां बरसात के मौसम में आम हैं और इनमें से लगभग सभी में बुखार, कमजोरी और शरीर में दर्द जैसे कुछ सामान्य लक्षण होते हैं।

बारिश के मौसम में क्या न खाएं
हरी पत्तेदार सब्जियां न खाएं : हरी पत्तेदार सब्जियों को बहुत पौष्टिक और सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है लेकिन बरसात के मौसम में पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से बचना चाहिए। इस मौसम का तापमान और आद्र्रता हरी पत्तेदार सब्जियों पर बैक्टीरिया और फंगस के विकास के लिए अनुकूल होती है। इस वजह से हरी सब्जियों से पेट में संक्रमण का खतरा रहता है। इसलिए पालक, मैथी के पत्ते, पत्तागोभी, फूलगोभी जैसी सब्जियों को बारिशों में बिल्कुल न खाएं। इसके बजाए करेला, घिया, तोरी और टिंडा जैसी सब्जियां खाने में शामिल करें।

मांसाहार से रहें दूर : बरसात में नमी होने के कारण मांसाहार जल्दी खराब हो जाते हैं। बरसाती मौसम मछलियों के लिए प्रजनन का समय होता है, इसलिए उन्हें नहीं खाना चाहिए। अन्य मांसाहार जैसे चिकन, मटन जल्दी खराब भी हो जाते हैं, इसलिए इन दिनों में मांसाहार से पूरी तरह दूर रहें। यदि मांसाहार करना है तो बिल्कुल ताजा इस्तेमाल करें और अच्छे से पकाकर ही खाएं।

सॉफ्ट ड्रिंक से बचें : बारिश के उमस भरे मौसम में सॉफ्ट ड्रिंक पहले से ही धीमे चल रहे पाचन तंत्र को कमजोर कर सकते हैं साथ ही यह शरीर में खनिजों को कम कर सकते हैं, इसलिए इस मौसम में नींबू पानी, जलजीरा जैसे पेय पदार्थों का सेवन करें। इसके अलावा गर्म पेय पदार्थों जैसे अदरक वाली चाय का इस्तेमाल करें।

खुले पड़े फल और जूस पीने से बचें : सड़क किनारे मिलने वाले फल लंबे समय तक रखे रहते हैं, जिन्हें बारिश की हवा का सामना करना पड़ता है। ऐसे में उन पर कीटाणु चिपक जाते हैं, जो स्वास्थ्य को नुक्सान पहुंचा सकते हैं। साथ ही बाहर मिलने वाला फलों का रस पीना सही नहीं होता है, क्योंकि यह टायफाइड, उल्टी और दस्त का कारण बन सकता है। घर पर ही फलों का ताजा रस निकालें और तुरंत उसका इस्तेमाल करना ही बेहतर विकल्प है।

तैलीय पदार्थों से बनाएं दूरी : इस मौसम में समोसा, पकौड़ी और चिप्स जैसे तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। यह पाचन तंत्र को बिगाड़ सकते हैं और कई समस्याओं का कारण बन सकते हैं।

इन चीजों का रखें ध्यान, इनका करें सेवन : डा. याचना
आईजीएमसी शिमला की डायटिशियन डा. याचना शर्मा ने कहा कि बरसात के मौसम में सही ढंग से खान-पान और सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। ताजे फल और सब्जियाें का सेवन करें। बारिश के मौसम में हाइड्रेटिड रहने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पिएं। इसके अलावा अदरक वाली चाय, तुलसी की चाय और सूप आदि गर्म पदार्थों का सेवन करें। ये इम्युनिटी बूस्ट करने के साथ-साथ पाचन में भी सुधार करते हैं। इस मौसम में आपको हल्का और घर का बना ताजा भोजन ही खाना चाहिए। आप स्टीम या उबली हुई सब्जियां, दाल, खिचड़ी और सूप जैसे हल्के भोजन को डाइट में शामिल करें। यह पचाने में आसन होते हैं और शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। बारिश के मौसम में प्रोबायोटिक्स जैसे दही, छाछ और फर्मेंटेड फूड्स को डाइट में शामिल करें। यह हैल्थ के लिए फायदेमंद होते हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

यह रहा मानसून के लिए डाइट प्लान :

सुबह उठने के बाद : कोई भी हर्बल पेय, जैसे नींबू पानी, दालचीनी का पानी, गुनगुने पानी के साथ हल्दी

सुबह का नाश्ता : एक बाउल मौसमी फल और छोटी कटोरी वैजिटेबल दलिया/पोहा/उपमा

मिड मॉर्निंग स्नैक (12 बजे) : नारियल पानी

दोपहर का भोजन : 1 कटोरी मौसमी सब्जी/अंकुरित अनाज, एक रोटी, छाछ

स्नैक : हर्बल-टी के साथ भुना हुआ मखाना

रात का भोजन : सॉटेड सब्जियां/मूंग दाल खिचड़ी/साबूदाना खिचड़ी


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Content Writer

Kuldeep

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