Shimla: मलबे को चयनित स्थान पर डंप नहीं करने पर अधिकारी होंगे चार्जशीट, ठेकेदारों के लाइसैंस भी होंगे रद्द

punjabkesari.in Tuesday, Sep 16, 2025 - 09:05 PM (IST)

शिमला (भूपिन्द्र): लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों व ठेकेदारों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण के दौरान निकले मलबे को चयनित जगह पर ही डंप नहीं किया जा रहा है। इसे नालों व नदियों में डंप किया जाता है। इस तरह का मलबा बारिश के पानी के साथ मिलकर तबाही मचा रहा है। उन्होंने कहा कि अब चयनित स्थान पर मलबे को डंप नहीं करने वालों के खिलाफ कड़ी करवाई की जाएगी। दोषी ठेकेदारों का लाइसैंस रद्द किया जाएगा, जबकि अधिकारियों को चार्जशीट किया जाएगा।

यह बात उन्होंने मंगलवार को शिमला में मोर्थ, एनएचएआई व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक के बाद मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कही। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार बाधित सड़कों को खोलने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। प्रदेश में अभी भी 1400 सड़कों पर यातायात बाधित पड़ा हुआ है। बाधित सड़कों पर यातायात बहाल करने के लिए करीब साढ़े 600 मशीनें लगाई हुई हैं, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती उन सड़कों को खोलने की है, जिन सड़कों के बड़े हिस्से बह गए हैं। ऐसी सड़कों के लिए आगे से मजबूत दीवारों को लगाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि सेब बहुल इलाकों में कई जगह सड़कें बंद हैं। प्राकृतिक आपदा से बाधित सड़कों को खोलने के लिए 20 किलोमीटर की दूरी के बीच एसडीओ व जेई तैनात किए गए हैं। साथ ही वन विभाग में तैनात जेई की तैनाती भी लोक निर्माण विभाग के तहत की जाएगी, ताकि सड़कों को खोलने का कार्य तेजी से हो सके। धर्मपुर बस अड्डे के बह जाने पर उन्होंने बताया कि सरकार ने अब यह निर्णय लिया है कि भविष्य में नदी-नालों के 100 मीटर के दायरे में सरकारी कार्यालय व निजी भवन निर्माण नहीं होगा। इसके अलावा एक्सियन व एससी के कार्यालय भी क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें भी दूसरे स्थान पर बनाया जाएगा।

हिमाचल को बड़ी मदद की दरकार
विक्रमादित्य सिंह ने कहा की केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश की मदद तो कर रही है, लेकिन आपदा के हिसाब से यह नाकाफी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल दौरे के दौरान 1500 करोड़ देने का एलान किया है। उसके लिए वह उनका धन्यवाद और आभार व्यक्त करते हैं, लेकिन जिस तरह की आपदा हिमाचल प्रदेश में आई है और उससे जो नुक्सान हुआ है, उसे देखते हुए हिमाचल प्रदेश को बड़ी मदद की दरकार है, ताकि राहत पुनर्वास कार्यों में तेजी लाई जा सके।

शिमला नगर निगम को दिए 10 करोड़
विक्रमादित्य सिंह ने मंगलवार को स्थानीय विधायक हरीश जनार्था के साथ मिलकर शिमला में बंद हुईं सड़कों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी मिलकर सड़कों को खोलने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रास्तों को बनाने के लिए नगर निगम शिमला को 10 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। इसके अलावा वन विभाग के अधिकारियों को शहर के असुरक्षित पेड़ों को चिन्हित करने तथा उनको काटने के निर्देश दिए हैं, ताकि लोगों को नुक्सान न हो।

व्यास नदी की होगी ड्रेजिंग
उन्होंने कहा कि व्यास नदी में बड़े-बड़े बोल्डर आते हैं। इस कारण पानी का फ्लो डावयर्ट हो जाता है, जिससे एनएचएआई का रोड डैमेज हो रहा है। ऐसे में निर्णय लिया गया है कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति के बाद ब्यास नदी की ड्रेजिंग की जाएगी, यानि नदी से मलबा, पत्थरों मिट्टी, गाद, बजरी आदि को हटाया जाएगा। साथ ही चैक डेम बनाए जाएंगे। यह सारा कार्य एनएचएआई के माध्यम से करवाया जाएगा।

अधिकारियों को दिए कलवर्ट खोलने के निर्देश
उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को कलवर्ट खोलने के सख्त आदेश दिए गए हैं। कई स्थानों पर लोग इन्हें बंद कर देते हैं। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर पीएमजीएसवाई की सड़कों पर क्रेट वाल लगाई गई है। इनमें जहां-जहां पर समस्या आ रही है, वहां पर कंक्रीट दीवार लगाई जाए।

राष्ट्रीय महत्त्व की परियोजनाओं को समयबद्ध क्रियान्वित किया जाए
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंगलवार को शिमला में विशेष टास्क फोर्स समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता की। इस समिति का गठन हिमाचल प्रदेश में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से संबंधित प्राथमिकता वाले मुद्दों के समाधान के लिए किया गया है। बैठक के दौरान, भूमि अधिग्रहण, वन मंजूरी, पर्यावरण संबंधी मुद्दों सहित राष्ट्रीय महत्त्व की चल रही और आगामी राजमार्ग परियोजनाओं के समयबद्ध निष्पादन से संबंधित प्रमुख विषयों पर विचार-विमर्श किया गया तथा राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं को समयबद्ध क्रियान्वित करने को कहा। इसके अलावा, ब्यास नदी की सफाई और उपयोगिता स्थानांतरण, कचरा डंपिंग साइट आदि पर भी विस्तार से चर्चा की गई।

इन चुनौतियों को समयबद्ध तरीके से निपटने और आपदा के दौरान नुक्सान को कम करने के लिए विभिन्न विभागों के मध्य समन्वय स्थापित करने पर विशेष बल दिया गया। विक्रमादित्य सिंह ने बुनियादी ढांचे के विकास, विशेष रूप से सड़कों के निर्माण की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि इनकी राज्य में पर्यटन, अर्थव्यवस्था और व्यापार के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने इन परियोजनाओं के समय पर निष्पादन में राज्य सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने एनएचएआई और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग अधिकारियों को स्थानीय लोगों की वास्तविक शिकायतों के समाधान के लिए आवश्यक उपाय करने का भी निर्देश दिया।


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Content Writer

Kuldeep

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