Shimla: एनएच शिमला के अधीक्षण अभियंता को 10 हजार का सांकेतिक जुर्माना
punjabkesari.in Wednesday, Nov 19, 2025 - 10:08 PM (IST)
शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने अधीक्षण अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग शिमला पर अदालत के समक्ष सही तस्वीर पेश न करने पर 10,000 रुपए का सांकेतिक जुर्माना लगाने के आदेश जारी किए हैं। कोर्ट ने उक्त अधिकारी को राष्ट्रीय राजमार्ग-5, शिमला से ठियोग तक की खस्ता हालत बारे स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने इस राष्ट्रीय राजमार्ग की दयनीय स्थिति पर संबंधित अधिकारी की उदासीनता पर कड़ा संज्ञान लिया था। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश जिया लाल भारद्वाज ने जनहित याचिका के दौरान अधीक्षण अभियंता, रतन कुमार शर्मा द्वारा दायर हलफनामे का अवलोकन करने पर इसे लापरवाही भरा बताया था।
कोर्ट ने उक्त अधिकारी को कोर्ट में तलब करते हुए आकर अपना स्पष्टीकरण देने के आदेश भी दिए थे। कोर्ट ने उक्त अधिकारी से पूछा था कि उसने हलफनामा लापरवाही से क्यों दायर किया, जिसमें रिकॉर्ड के विपरीत तस्वीर पेश करने की कोशिश की गई और कारण बताएं कि उन पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए। कोर्ट ने कहा था कि यह स्पष्ट है कि उक्त अधिकारी ने कभी भी संबंधित स्थल/सड़क का दौरा नहीं किया। इसकी दयनीय स्थिति से आम जनता को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है और यह हिमाचल के आंतरिक भाग की ओर जाने वाली मुख्य सड़कों में से एक है, जो रामपुर और किन्नौर जिले को जोड़ती है और आगे पुराने तिब्बत तक जाती है।
कोर्ट ने कहा था कि इस सड़क को दिए जा रहे महत्व का अभाव हलफनामे से स्पष्ट है। जनहित याचिका की सुनवाई के पश्चात अधीक्षण अभियंता रतन कुमार शर्मा कोर्ट में उपस्थित थे। कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगते हुए उक्त अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि उसने राष्ट्रीय राजमार्ग का दौरा किया था, ताकि वर्षा आपदा से प्रभावित खंडों को बहाल करने के लिए ईमानदार प्रयास किए जा सकें। कोर्ट को बताया गया कि ठेकेदारों ने अब अलग-अलग निविदाएं आमंत्रित करके लंबे खंडों के माध्यम से सड़क का रखरखाव शुरू कर दिया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग-05 के सुधारे गए स्थानों की तस्वीरें भी संलग्न की गईं। ठियोग से हाटकोटी तक एनएच-705 का भाग प्रगति पर है और मार्च, 2026 तक पूरा हो जाएगा। विभाग उपलब्ध कर्मचारियों और सीमित वित्तीय संसाधनों के साथ राजमार्गों को सेवा योग्य स्थिति में बहाल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। कोर्ट ने एक बार फिर जिला विधिक सहायता सेवा अथॉरिटी शिमला को इस राजमार्ग का निरीक्षण कर उक्त अधीक्षण अभियंता द्वारा कोर्ट को बताए गए तथ्यों की सत्यता जांचने के आदेश दिए।

