Shimla: लाहौल-स्पीति में स्थापित होगा 1 डॉप्लर वैदर रडार : सुक्खू
punjabkesari.in Wednesday, Oct 29, 2025 - 09:17 PM (IST)
शिमला (ब्यूरो): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि लाहौल-स्पीति जिले में 1 डॉप्लर वैदर रडार स्थापित करने को स्वीकृति मिली है। उन्होंने नई दिल्ली में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री डा. जितेंद्र सिंह से भेंट के दौरान इसके लिए आभार जताया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से हिमाचल प्रदेश में 150 स्वचालित मौसम केंद्र स्थापित करने का भी आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि हिमाचल की भौगोलिक परिस्थिति, वैश्विक ऊष्मीकरण एवं मौसम में परिवर्तन के कारण प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इस कारण राज्य में व्यापक स्तर पर नुक्सान हो रहा है। इसको देखते हुए स्वचालित मौसम केंद्र व डॉप्लर वैदर रडार के माध्यम से अग्रिम चेतावनी मिलने में मदद मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि ये प्रणालियां अगले मानसून सीजन से पहले स्थापित की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के मौसम डाटा को केंद्र की तरफ से अधिसूचित अग्रिम चेतावनी एजैंसियों के डाटा के साथ एकीकृत किया जाना आवश्यक है। इससे एकीकृत जानकारी एवं समयबद्ध अग्रिम चेतावनी प्राप्त होने में सुगमता होगी। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से प्रदेश में प्राकृतिक कृषि एवं लैवेंडर सहित लैमन ग्रास और पुष्प खेती के विषय पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की। केंद्रीय मंत्री ने आश्वस्त किया कि राज्य की विभिन्न मांगों पर शीघ्र उचित निर्णय लिया जाएगा।
कांगड़ा-हमीरपुर में सीस्मिक प्रयोगशाला व डाटा विश्लेषण केंद्र स्थापित हो
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांगड़ा-हमीरपुर जोन में सीस्मिक प्रयोगशाला एवं डाटा विश्लेषण केंद्र तथा हमीरपुर जिले में मौसम डाटा केंद्र, प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 2 अतिरिक्त वायु निगरानी प्रणालियां और शैडो जोन में कॉम्पैक्ट वैदर रडार स्थापित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल में प्राकृतिक आपदाओं में अप्रत्याशित वृद्धि के दृष्टिगत अत्याधुनिक चेतावनी एवं डाटा अनुश्रवण और विश्लेषण प्रणाली की स्थापना समय की आवश्यकता है।
उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री से स्पेस ऑन व्हील्स कार्यक्रम, कृत्रिम मेधा एवं संबद्ध तकनीक की अद्यतन जानकारी के लिए रिफ्रैशर कोर्स, पर्यावरण संरक्षण एवं समग्र विकास के दृष्टिगत पौध आधारित पैकेजिंग प्रणाली तैयार करने के लिए अनुसंधान तथा विकास केंद्र और प्रदेश में पर्वतीय जैविक संसाधनों के समग्र उपयोग के लिए जैव उत्पादन हब (बायो मैन्यूफैक्चरिंग हब) की स्थापना के लिए प्रस्तावों को शीघ्र स्वीकृत करने का आग्रह भी किया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आने वाले समय में अन्य पहाड़ी राज्यों में भी मौसम परिवर्तन का असर देखा जा सकता है। इसको देखते हुए अर्ली वार्निंग सिस्टम स्थापित करने की आवश्यकता है।

