कारगिल युद्ध में हिमाचल के सैनिकों का अहम योगदान : मुख्यमंत्री
punjabkesari.in Monday, Jul 26, 2021 - 08:33 PM (IST)

शिमला (हैडली): देश सेना के पराक्रम व शौर्य को कभी भूल नहीं सकता। कारगिल युद्ध भारतीय सैनिकों के शौर्य और पराक्रम का प्रतीक है। आज के दिन हम अपने उन शूरवीरों को नमन करते हैं। यह बात सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला के गेयटी थिएटर में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि 22 वर्ष पूर्व कारगिल की चोटियों पर जो विजय गाथा लिखी गई, वह हमारी पीढिय़ों को प्रेरित करती रहेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 1999 में कारगिल की पहाडिय़ों पर पाकिस्तानी घुसपैठियों ने कब्जा कर लिया था, जिसके खिलाफ भारतीय सेना ने ऑप्रेशन विजय चलाया, जो 8 मई से शुरू होकर 26 जुलाई, 1999 तक चला। जयराम ठाकुर ने कहा कि कारगिल में ऑप्रेशन विजय के दौरान मिली जीत इस देश के सैनिकों के अदम्य साहस और संकल्पों की जीत थी। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध में हिमाचल के सैनिकों का योगदान भी अहम रहा है। हिमाचल में कारगिल के शहीद परिवार और उस समय विजय दिलवाने वाले वीर सैनिकों की हरसंभव सहायता करेगी सरकार।
वीरों के बलिदान को सदैव स्मरण किया जाएगा
उन्होंने कहा कि जिन वीर सैनिकों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, उन्हें उनकी वीरता के लिए सदैव स्मरण किया जाएगा। युद्ध के दौरान देश के 527 वीर सैनिक शहीद हुए और 1,300 से अधिक घायल हुए थे। हिमाचल प्रदेश को वीरभूमि के नाम से जाना जाता है। जयराम ठाकुर ने कहा कि यह प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि अब तक राज्य को 1,096 वीरता पुरस्कार मिल चुके हैं। प्रदेश के 1,246 वीर सपूतों ने मातृ भूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।
5 लाख रुपए की दर से अनुग्रह अनुदान राशि प्रदान की गई
मुख्यमंत्री ने कहा कि युद्ध व अन्य सैन्य ऑप्रेशनों में शहीद सैनिकों तथा अन्य कारणों से मारे गए सैनिकों के आश्रितों और अपंग हुए सैनिकों को अनुग्रह अनुदान राशि प्रदान की जा रही है। कारगिल युद्ध के दौरान प्रदेश के सभी 52 शहीद सैनिकों के आश्रित परिवारों को 5 लाख रुपए की दर से अनुग्रह अनुदान राशि प्रदान की गई है। 50 प्रतिशत से अधिक अपंगता वाले 12 सैनिकों को 2.5 लाख रुपए की दर से अनुग्रह अनुदान राशि तथा 50 प्रतिशत से कम अपंगता वाले 6 सैनिकों के लिए 1 लाख रुपए की दर से अनुग्रह अनुदान राशि दी गई है। प्रदेश के 52 शहीदों के परिवारों में से 44 परिवारों के एक-एक आश्रित को उनके रोजगार के लिए आवेदन उपरांत रोजगार और 9 अपंग हुए सैनिकों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया। इसके अलावा अन्य सैन्य अभियानों में शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों को भी राज्य सरकार द्वारा अनुदान राशि प्रदान की जा रही है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने कारगिल युद्ध में शहीद सैनिकों के परिवारों को भी सम्मानित किया।
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि देश ने बहुत सी लड़ाइयों का सामना किया है, जिनमें भारतीय सैनिकों ने राष्ट्र की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता बनाए रखने के लिए अपने साहस और पराक्रम का अदम्य उदाहरण प्रस्तुत किया और मातृ भूमि की रक्षा के लिए अथक प्रयास किए हैं। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के कलाकारों ने इस अवसर पर देशभक्ति गीत और वृत्त चित्र का प्रदर्शन किया।
यह रहे उपस्थित
सांसद सुरेश कश्यप, नगर निगम शिमला की महापौर सत्या कौंडल, उपमहापौर शैलेंद्र चौहान, पूर्व सांसद विमला कश्यप, हिमफैड के अध्यक्ष गणेश दत्त, सक्षम गुडिय़ा बोर्ड की अध्यक्षा रूपा शर्मा, ए.पी.एम.सी. के अध्यक्ष नरेश शर्मा, मुख्य सचिव अनिल खाची, जिलाधीश आदित्य नेगी, पुलिस अधीक्षक मोहित चावला, ब्रिगेडियर आर. सिहाग, ब्रिगेडियर ए.के. शर्मा, कर्नल युद्धवीर सिंह और कर्नल विक्रम जीत सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित थे।