Shimla: हिमाचल के कर्मचारियों के एनएसडीएल में जमा 12 हजार करोड़ लौटाए केंद्र

punjabkesari.in Wednesday, Nov 26, 2025 - 04:35 PM (IST)

शिमला (राक्टा): दिल्ली के जंतर मंतर में देश भर के सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पैंशन योजना बहाल किए जाने की मांग को लेकर बुधवार को आयोजित प्रदर्शन में हिमाचल के कर्मचारियों के एनएसडीएल में जमा 12 हजार करोड़ रुपए वापस लौटाए जाने का मामला भी जोर-शोर से गूंजा। न्यू पैंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ (एनपीएस इंप्लाइज एसोसिएशन) तथा नैशनल मूवमैंट फॉर ओल्ड पैंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के आह्वान पर हुए इस प्रदर्शन में हिमाचल से भी बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने उपस्थिति दर्ज करवाई। इस मौके पर अपने संबोधन में एनपीएस कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में राज्य सरकार ने ओपीएस लागू कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया, लेकिन एनएसडीएल द्वारा कर्मचारियों व राज्य की जमा 12 हजार करोड़ रुपए की राशि को वापस नहीं किया जा रहा है,जोकि अत्यंत अन्यायपूर्ण और अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस मसले का सर्वोच्च प्राथमिकता पर समाधान करे।

प्रदीप ठाकुर ने कहा कि यह मामला विभिन्न माध्यमों से केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जा चुका है, बावजूद इसके केंद्र सरकार ने अभी तक कोई गंभीरता नहीं दिखाई है। प्रदीप ठाकुर ने संपर्क किए जाने पर कहा कि हिमाचल से आए सैंकड़ों कर्मचारियों ने जंतर मंतर पर जोरदार उपस्थिति दर्ज करवाई। साथ ही स्पष्ट किया कि ओपीएस बहाली को लेकर देश के कर्मचारियों द्वारा लड़ी जा रही लड़ाई में हिमाचल प्रदेश हमेशा साथ देगा। प्रदीप ठाकुर ने कहा कि यह संघर्ष केवल हिमाचल या किसी एक राज्य का नहीं, बल्कि देश के करोड़ों कर्मचारियों और उनके परिवारों की सुरक्षा और सम्मान का संघर्ष है। ऐसे में देश भर के कर्मचारी इसे पुन: लागू करवाकर ही दम लेंगे। उन्होंने कहा कि संसद सत्र के दौरान भी विशाल घेराव कार्यक्रम प्रस्तावित है। साथ ही यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो देशव्यापी हड़ताल की दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे।

तब तक आंदोलन जारी रहेगा : भरत शर्मा
एनपीएस कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महासचिव भरत शर्मा ने कहा कि एन.एस.डी.एल. के पास जमा राशि कर्मचारियों की जीवन भर की बचत व कमाई है। ऐसे में इसे रोकना कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने चेताया कि जब तक 12 हजार करोड़ रुपए की राशि नहीं लौटा दी जाती है, आंदोलन जारी रहेगा।

 


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Kuldeep

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