Shimla: हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग द्वारा प्रवक्ताओं की डिमोशन को लेकर जारी कारण बताओ नोटिस पर रोक लगाई

punjabkesari.in Friday, Nov 07, 2025 - 09:35 PM (IST)

शिमला (मनोहर): हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग द्वारा प्रवक्ताओं की डिमोशन को लेकर जारी कारण बताओ नोटिस पर रोक लगा दी है। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने याचिकाकर्त्ता सोमदत्त कुमार व अन्यों द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात ये आदेश जारी किए। कोर्ट ने कहा कि डिमोशन का आधार बने मुख्य फैसले पर खंडपीठ की रोक के बाद ऐसा कोई कारण प्रतीत नहीं होता कि प्रवक्ताओं को जारी शो कॉज नोटिस पर रोक न लगाई जाए। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश राज्य बनाम सतीश कुमार मामले में मुख्य फैसले के अमल पर रोक लगा दी थी, जिसे हाईकोर्ट की खंडपीठ ने वास्तविक तौर पर मुख्य फैसले के अमल पर रोक मानते हुए इस फैसले पर आधारित अन्य आदेशों पर रोक लगाने के आदेश जारी किए थे।

सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ ने यह स्पष्ट किया था कि जब तक यह अपील लंबित है, तब तक उच्च न्यायालय के निर्णय तथा उस पर की जाने वाली अवमानना सम्बन्धी किसी भी कार्यवाही पर रोक रहेगी। इस आदेश से राज्य सरकार को अंतरिम राहत प्राप्त हुई है, क्योंकि फैसले पर अमल करने से शिक्षा विभाग को अनेक टीजीटी अध्यापकों को वरिष्ठता देकर बैक डेट से पदोन्नत करना पड़ता और उनको वित्तीय लाभ देने पड़ते। इससे सरकार पर करोड़ों रुपए का आर्थिक बोझ पड़ना था तथा पहले से पदोन्नति पाए प्राध्यापकों को डिमोट कर पूरी वरिष्ठता सूचियों में बदलाव करना पड़ता। कोर्ट ने याचिका में शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब तलब किया है। उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय ने सतीश कुमार मामले में दिए फैसले पर आधारित अन्य याचिका का निपटारा किया था। यह याचिका पूर्णिमा कुमारी बनाम राज्य सरकार नामक शीर्षक से दायर की गई थी।

इस याचिका में दिए फैसले से जुड़ी अवमानना याचिका में 10 सितम्बर, 2024 को आदेश पारित किया था कि टीजीटी शिक्षकों की वरिष्ठता सूची में संशोधन करते हुए उन्हें 18 जून, 2024 के विभागीय आदेश के अनुसार नियमित सेवा लाभ प्रदान किए जाएं। सतीश कुमार मामले में 27 नवम्बर, 2021 को दिए गए निर्णय में न्यायालय ने कहा था कि 2002 की भर्ती प्रक्रिया में चयनित टीजीटी शिक्षकों को 1 मई, 2003 से नियमित सेवा में माना जाएगा तथा उन्हें सभी सेवा संबंधी लाभ दिए जाएंगे, यद्यपि वेतन लाभ नहीं मिलेंगे। इन्हीं दोनों आदेशों के आधार पर शिक्षा विभाग ने 592 प्रवक्ताओं को टीजीटी पद पर डिमोट करने की प्रक्रिया आरंभ की थी, ताकि “डीम्ड रैगुलर सेवा लाभ” प्रदान करते हुए वरिष्ठता और पदोन्नति सूची पुनः निर्धारित की जा सके। इस विषय पर विभाग द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे।


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Kuldeep

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