Shimla: पर्यावरण को नुक्सान पहुंचाने के मामले में हिमाचल सरकार को नोटिस

punjabkesari.in Friday, Mar 28, 2025 - 06:56 PM (IST)

शिमला (मनोहर): पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के आरोप से जुड़े एक मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव, जिलाधीश ऊना, जिला वन अधिकारी रामनगर व ग्रुप कालोनाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर व न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने भावक पराशर द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान उपरोक्त आदेश पारित किए। प्रार्थी की ओर से नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पारित आदेशों को चुनौती दी गई है। याचिका में दिए गए तथ्यों के अनुसार नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पहाड़ी क्षेत्र की गलत तरीके से व्याख्या करते हुए इस मुद्दे पर निर्णय दिया है कि ढलान को काटने और क्षेत्र को समतल करने की गतिविधि के परिणामस्वरूप पर्यावरणीय क्षति नहीं हुई है। मामला तहसील व जिला ऊना में भवन निर्माण से जुड़ा है।

प्रार्थी के अनुसार "पहाड़ी क्षेत्र" की परिभाषा भारतीय राष्ट्रीय भवन संहिता 2005 में प्रमुखता से दी गई है, जिसके अनुसार समुद्र तल से 600 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले किसी भी क्षेत्र को पहाड़ी के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। पहाड़ियों और पर्वतों की संवेदनशील और नाजुक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए 30 डिग्री की औसत ढलान वाले किसी भी क्षेत्र को पहाड़ी के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। प्रार्थी के अनुसार जिस क्षेत्र पर निर्माण की गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है वह क्षेत्र पहाड़ी क्षेत्र की परिभाषा में आता है और कानूनी तौर पर इस तरह के क्षेत्र में निर्माण की गतिविधियों को अंजाम नहीं दिया जा सकता है। प्रार्थी ने इन तथ्यों के दृष्टिगत आधिकारिक प्रतिवादियों को यह सुनिश्चित करने की हाईकोर्ट से गुहार लगाई है कि निजी तौर पर बनाई प्रतिवादी प्रश्नगत भूमि के संबंध में अवैध गतिविधियों में लिप्त न हों। मामले पर सुनवाई 21 मई को निर्धारित की गई है।


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Kuldeep

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