Shimla: शैक्षणिक संस्थान परिसर में आवारा कुत्तों को खाना खिलाने पर प्रतिबंध
punjabkesari.in Friday, Nov 14, 2025 - 05:16 PM (IST)
शिमला (प्रीति): प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थानों के प्रधानाचार्यों को अपने-अपने परिसरों के रखरखाव, स्वच्छता और सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा संस्थान परिसर में आवारा कुत्तों के प्रवेश या निवास को रोकने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उक्त अधिकारी का विवरण संस्थान के प्रवेश द्वार पर प्रमुखता से प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा, साथ ही संस्थान को संबंधित नगर निकाय/प्राधिकरण को भी इस बारे सूचित करना होगा। इस दौरान शैक्षणिक संस्थान परिसर में आवारा कुत्तों को खाना खिलाने पर प्रतिबंध होगा। इसके अतिरिक्त संस्थानों के प्रधानाचार्य को स्थानीय नगर निगम अधिकारियों, पशुपालन विभाग और जिला प्रशासन के साथ मामले पर समन्वय करना होगा। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बाद शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षण संस्थानों को उक्त आदेश जारी किए हैं। इसके तहत संस्थानों को सुनिश्चित करना होगा कि परिसर की सीमा, द्वार, बाड़ और अन्य प्रवेश बिंदु सुरक्षित हैं।
इसके अलावा सभी शैक्षणिक संस्थानों को छात्रों और कर्मचारियों के लिए जानवरों के काटने की स्थिति में प्राथमिक उपचार और तत्काल प्रोटोकॉल पर जागरूकता सत्र आयोजित करने को कहा गया है, साथ ही आवारा कुत्तों की उपस्थिति या प्रवेश बिंदुओं के लिए परिसर की परिधि और आंतरिक क्षेत्रों का नियमित निरीक्षण करने को भी कहा गया है। नोडल अधिकारी को आवारा कुत्तों के प्रवेश या उनके दोबारा आने की स्थिति में समय-समय पर परिसर का निरीक्षण करना होगा। इसके अलावा संस्थानों को पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ते) नियम, 2023 के अनुसार आवारा कुत्तों को पकड़ने, नसबंदी, टीकाकरण और पुनर्वास के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय कर परिसर में साफ-सफाई और उचित अपशिष्ट निपटान का ध्यान रखने को कहा है।
7 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश
संस्थानों को न्यायालय के आदेशों को ध्यान में रखते हुए इस मामले को गंभीरता से लेने को कहा गया है। शैक्षणिक परिसरों में छात्रों, कर्मचारियों और आगंतुकों की सुरक्षा के मद्देनजर संस्थागत परिसरों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने और 7 दिनों के भीतर इसकी अनुपालन रिपोर्ट भेजने के भी निर्देश दिए गए हैं।

