Shimla: स्कूलों में सरप्लस शिक्षक होंगे ट्रांसफर, शैक्षणिक संस्थानों में 126.73 करोड़ रुपए की क्षति

punjabkesari.in Tuesday, Nov 11, 2025 - 08:11 PM (IST)

शिमला (अभिषेक): प्रदेश के स्कूलों में मौजूद सरप्लस स्टाफ को जरूरत अनुसार अन्य स्कूलों में ट्रांसफर किया जाएगा। वर्तमान मेें शून्य एनरोलमैंट वाले या जहां पर विद्यार्थियों की एनरोलमैंट कम है, वहां पर तैनात सरप्लस स्टाफ को ऐसे स्कूलों में ट्रांसफर किया जाएगा जो बिना शिक्षक या फिर 1 शिक्षक के सहारे चल रहे हैं। प्रदेश के करीब 80 से 90 स्कूल ऐसे हैं जो बिना शिक्षक चल रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश के करीब 450 स्कूल ऐसे भी हैं जहां पर विद्यार्थियों की एनरोलमैंट 20 से अधिक है। ऐसे में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में शिक्षकों के युक्तिकरण करने के मामले पर चर्चा की गई है और निर्णय लिया गया है कि डाऊनग्रेडिड स्कूलों से सरप्लस स्टाफ को ट्रांसफर कर ऐसे स्कूलों में भेजा जाएगा, जहां पर शिक्षकों की जरूरत अधिक है। बैठक में मानसून सीजन के दौरान शिक्षण संस्थानों को हुए नुक्सान का भी आकलन किया गया।

शिक्षा मंत्री ने बताया कि मानसून सीजन के दौरान प्रदेश के लगभग 1411 शैक्षणिक संस्थानों में 126.73 करोड़ रुपए की क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित स्कूल भवनों की मुरम्मत और पुनर्निर्माण कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। इन शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की शिक्षा बाधित न हो, इसके दृष्टिगत उप-निदेशकों को इनके पुनर्निर्माण और मुरम्मत कार्यों के लिए हिमुडा को धनराशि शीघ्र जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 94.46 करोड़ रुपए की लागत से 42 स्थानों पर डे-बोर्डिंग स्कूलों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 100 विद्यालयों में सीबीएसई पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। सरकार द्वारा 45 स्कूलों को एफिलिएटिड किया गया है। इन स्कूलों में बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए विषय विशेषज्ञ अध्यापक नियुक्त किए जाएंगे। उन्होंने प्रधानाचार्यों के अंतर्गत प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च काम्पलैक्स स्कूल प्रणाली के तहत आने वाले स्कूलों का दौरा करने के निर्देश दिए।

शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों को प्रताड़ित करने वाले अध्यापकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई में तेजी लाने के निर्देश
शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों को प्रताड़ित करने वाले अध्यापकों के विरुद्ध शिक्षा विभाग अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा। मंगलवार को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इन मामलों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए तेजी लाने के निर्देश दिए। बैठक में शिक्षकों के गैर शैक्षणिक कार्यों के दबाव को कम करने के दृष्टिगत भी बैठक में समीक्षा की गई और इन कार्यों को सरल करने की संभावनाओं को तलाशने के बारे में शिक्षा मंत्री ने दिशा-निर्देश दिए। इसके लिए उप-निदेशकों से 10 दिनों के भीतर सुझाव देने को कहा गया है।

जिन स्कूलों का परिणाम 25 प्रतिशत से कम है, उन पर किया जाए विशेष ध्यान केंद्रित
उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों का परिणाम 25 प्रतिशत से कम है, उन पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाए ताकि विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम को बेहतर किया जा सके। इसके दृष्टिगत शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों की अतिरिक्त कक्षाएं लेना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि खराब परिणाम देने वाले स्कूलों के शैक्षणिक स्टाफ की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।

बीएड/डीएलएड विद्यार्थियों को उनके पैतृक स्थान में शैक्षणिक पद्धतियों का अभ्यास करने के लिए भेजा जाएगा
शिक्षा मंत्री ने कहा कि बीएड/डीएलएड विद्यार्थियों को उनके पैतृक स्थान में शैक्षणिक पद्धतियों का अभ्यास करने के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि एक स्कूल में 5 से अधिक बीएड/डीएलएड विद्यार्थियों को नहीं भेजा जाएगा।


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Kuldeep

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