Himachal: कोर्ट के आदेशों की अवमानना करने पर हाईकोर्ट ने जारी किया कारण बताओ नोटिस
punjabkesari.in Saturday, May 24, 2025 - 06:26 PM (IST)

शिमला (मनोहर): सड़क मार्ग को अवरुद्ध करने से जुड़े मामले में कोर्ट के आदेशों की अवमानना करने पर प्रदेश उच्च न्यायालय ने निजी तौर पर बनाए प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई चलाई जाए। अर्की के गाहर-चमयावल सड़क मार्ग को अवरुद्ध करने से जुड़ी जनहित याचिका में मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह अवमानना का मामला बनता है। याचिका की सुनवाई के दौरान सोलन के जिलाधीश मनमोहन शर्मा पिछले आदेशों की अनुपालना में न्यायालय में उपस्थित थे। कोर्ट में अनुपालना हलफनामा प्रस्तुत किया गया, मगर न्यायालय इससे संतुष्ट नहीं हुआ। गौरतलब है कि 05 मार्च 2025 के स्थगन आदेश के बावजूद बोरवैल की खुदाई के संबंध में यथास्थिति बरकरार नहीं रखी गई।
कोर्ट ने कहा कि अधिकारी उक्त आदेश को लागू करने में विफल रहे हैं। कोर्ट ने अपने पिछले आदेश में कहा था कि सोलन के जिलाधीश प्रतिवादी एसडीएम व थाना प्रभारी अर्की को विवादित स्थल का निरीक्षण करने के लिए नियुक्त करेंगे और यदि प्रार्थी के आरोप सही पाए जाते हैं तो प्रतिवादी यह सुनिश्चित करें कि मलबे और डंपिंग के कारण रास्ते में उत्पन्न बाधा को हटा दिया जाए और बोरवैल की खुदाई के संबंध में यथास्थिति बनाई रखी जाए। कोर्ट ने कहा कि यथास्थिति के बावजूद बोरवैल की खुदाई जारी रखने की अनुमति दी गई थी, जो रिपोर्ट और हलफनामे से ही स्पष्ट है। हलफनामे में यह स्वीकार किया गया है कि 18.04.2025 को एसएचओ को सूचित किया गया था कि निजी प्रतिवादी यथास्थिति आदेश पारित होने के बावजूद उक्त बोर में बिजली की मोटर और पाइप लगाने की कोशिश कर रहे थे और उनसे अवैध कार्य रोकने का अनुरोध किया गया था।
डीडीआर स्पष्ट रूप से पंजीकृत किया गया है और यहां तक कि एक विशेषज्ञ मैकेनिक भी मौके पर था और निजी प्रतिवादी अभी भी उक्त कार्य को जारी रखे हुए हैं। यह एसडीएम द्वारा जिला कलैक्टर, सोलन को संबोधित पत्र से और अधिक स्पष्ट होता है। डीडीआर के मुताबिक गाहर के 2 लोगो ने अधिकारियों द्वारा सूचित किए जाने के बावजूद इस तरह से काम को जारी रखा। कोर्ट ने कहा कि इन परिस्थितियों में प्रथम दृष्टया निजी प्रतिवादियों के खिलाफ भी न्यायालय की अवमानना अधिनियम के तहत कार्यवाही की जानी चाहिए।
कोर्ट ने इस संबंध में निजी तौर पर बनाए 5 प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर पूछा कि उन्हें न्यायालय की अवमानना अधिनियम की धारा 12 के तहत क्यों न दंडित किया जाए। कोर्ट ने आशा जताई कि अधिकारी प्रतिवादी अगली सुनवाई की तारीख तक आदेश का पालन करने के लिए कानून के अनुसार पर्याप्त कदम उठाएंगे। डीसी सोलन को अगली तारीख को फिर से पेश होने के आदेश दिए गए हैं। मामले पर सुनवाई 5 जून, 2025 को निर्धारित की गई है।