कड़ाके की ठंड के बीच भी करु णामूलक संघ का अनशन जारी
Monday, Jan 10, 2022 - 06:00 PM (IST)
शिमला (राक्टा): कड़ाके की ठंड के बीच भी कालीबाड़ी के समीप वर्षाशालिका में करुणामूलक संघ का क्रमिक अनशन जारी है। रविवार को हुई बर्फबारी और वर्षा के बाद भी संघ के प्रतिनिधियों का हौसला नहीं टूटा और पूरी रात कड़कड़ाती ठंड में संघ के प्रतिनिधि वर्षाशालिका में अनशन में बैठे रहे। बताया गया है कि रविवार रात वर्षाशालिका में चारों तरफ से पानी घुस गया। ऐसे में संघ के प्रतिनिधि पूरी रात ठंड में ठिठुरते रहे लेकिन किसी ने उनकी सुध तक नहीं ली। संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने अनौपचारिक बातचीत में कहा कि जब तक सरकार संघ की मांगों पर मोहर नहीं लगा देती, क्रमिक अनशन जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि सोमवार को अनशन 165वें दिन में प्रवेश कर गया। सरकार ने कैबिनेट में क्लास-डी के लिए निर्णय लिया लेकिन अभी तक अधिसूचना जारी नहीं की। ऐसे में सरकार जल्द संबंधित अधिसूचना जारी करे। इसके साथ ही आगामी मंत्रिमंडल की बैठक में क्लास-सी के लिए कोई निर्णायक फैसला लिया जाए। अजय कुमार ने दो टूक कहा कि जब तक क्लास-सी में भी नौकरी बहाल नहीं की जाती तब तक क्रमिक अनशन जारी रहेगा। कुछ समय पूर्व प्रदेश सरकार के एक मंत्री की बेटी एक दिन के लिए धरने पर बैठी और दूसरे दिन उनकी मांगें मान ली गईं। ऐसे में उन्होंने पूछा कि करुणामूलक आश्रित जो पिछले 165 दिनों से अनशन पर बैठे हैं, उनके साथ अन्याय क्यों किया जा रहा है, इसको लेकर सरकार की स्थिति स्पष्ट की जाए।
जबरन उठाने के प्रयास हुए तो आमरण अनशन पर बैठेंगे
संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि यदि सरकार व प्रशासन ने अनशन पर बैठे सदस्यों को जबरन उठाने के प्रयास किए तो सभी आश्रित अपने परिवारों सहित अमरण पर बैठ जाएंगे। इसकी पूरी जवाबदेही सरकार की होगी। जब अन्य राज्य 3 से 6 माह के भीतर करुणामूलक आश्रितों को नौकरी प्रदान कर सकते हैं तो प्रदेश सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती। सरकार की गलत नीतियों के चलते करुणामूलक आश्रित 15 से 20 सालों से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं।
वर्षाशालिका के बाहर लगाई प्लास्टिक की शीट उड़ी
करुणामूलक संघ के सदस्य जिस वर्षाशालिका में अनशन पर बैठे हैं, उसे बाहर से प्लास्टिक की शीट लगाई गई है लेकिन रविवार रात को तेज हवा के चलते वह शीट भी उड़ गई। ऐसे में सारा बर्फ व वर्षा का पानी अंदर घुस गया।
ये मुख्य मांगें
समस्त विभागों, बोर्डों, निगमों में लंबित पड़े करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नौकरियों के क्लास-सी केसों को आगामी कैबिनेट में लाया जाए। साथ ही सभी को वन टाइम सैंटलमैंट के तहत एक साथ नियुक्तियां दी जाएं। 62,500 एक सदस्य सालाना आय शर्त को हटाया जाए ताकि जो करुणामूलक आश्रित पॉलिसी से बाहर जा रहे हैं, उनको भी राहत मिल सके।