मुख्यमंत्री ने 1962 मोबाइल पशु चिकित्सा सेवा और पशु संजीवनी कॉल सैंटर का किया शुभारंभ

punjabkesari.in Tuesday, Mar 05, 2024 - 07:15 PM (IST)

शिमला (संतोष): अब प्रदेश के पशुपालकों को एक कॉल पर घर पर ही मोबाइल पशु चिकित्सा सेवा की सुविधा मिलेगी, जिससे पशुपालकों व किसानों को घर-द्वार पर ही लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में पशुपालन विभाग की 1962-मोबाइल पशु चिकित्सा सेवा और पशु संजीव कॉल सैंटर का विधिवत शुभारंभ किया। प्रथम चरण में 44 विकास खंडों में एम्बुलैंस उपलब्ध करवाई गई है, जिस पर 7.04 करोड़ की धनराशि खर्च की गई है। इनमें बिलासपुर, ऊना, सोलन व कुल्लू में 3-3, लाहौल-स्पीति में 2, मंडी व शिमला में 5, चंबा, सिरमौर व हमीरपुर में 4-4, किन्नौर में एक तथा कांगड़ा जिले में 7 मोबाइल एम्बुलैंस उपलब्ध करवाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दोनों सेवाओं के प्रारंभ होने से प्रदेश के पशुपालक किसी भी कोने से टोल फ्री नंबर-1962 पर कॉल कर आपात स्थिति में गंभीर पशु रोगों के उपचार के लिए पशु चिकित्सा सेवा अपने घर-द्वार पर हासिल कर सकते हैं।

एम्बुलैंस में एक पशु चिकित्सक व फार्मासिस्ट होंगे उपलब्ध
उन्होंने कहा कि प्रत्येक एम्बुलैंस के साथ एक पशु चिकित्सक तथा एक फार्मासिस्ट उपलब्ध होंगे। जब भी किसी पशु पालक को आपात स्थिति में मदद चाहिए होगी, तो वह टोल फ्री नंबर-1962 पर कॉल कर सकेंगे और उन्हें नजदीकी पशु चिकित्सा सेवा के माध्यम से सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पशु चिकित्सा सेवा किसी भी कार्य दिवस पर प्रात: 9 बजे से सायं 5 बजे तक उपलब्ध रहेगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में चरणबद्ध तरीके से इस सेवा का विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य है, जहां पर गाय का दूध 45 रुपए प्रति लीटर और भैंस का दूध 55 रुपए प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पशु पालकों की आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार जिला कांगड़ा के डगवार में एक लाख 50 हजार लीटर प्रतिदिन की क्षमता का दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने जा रही है, जिसकी क्षमता 3 लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाई जा सकती है। यह संयंत्र पूरी तरह से स्वचालित होगा जिस पर 226 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

शानन परियोजना पर सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से रखा जाएगा पक्ष
मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शानन परियोजना का पट्टा अवधि पूरी हो रही है और हिमाचल को उसका अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर अपना पक्ष मजबूती के साथ रखेगी। इस अवसर पर कृषि एवं पशु पालन मंत्री प्रो. चंद्र कुमार, विधायक नीरज नैयर, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान, पूर्व विधायक सतपाल रायजादा, निदेशक पशुपालन विभाग डा. प्रदीप शर्मा आदि उपस्थित रहे।


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Kuldeep

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