Shimla: अधिकारियों के चंगुल में फंसकर कठपुतली बनकर रह गए हैं मुख्यमंत्री : जयराम

punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 07:18 PM (IST)

शिमला (कुलदीप): नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों के चंगुल में फंसकर मुख्यमंत्री उनकी कठपुतली बनकर रह गए हैं। उन्होंने कहा कि इस समय प्रशासन की सारी व्यवस्था कार्यवाहक अधिकारियों के भरोसे सौंप दी गई है। मुख्य सचिव, डीजीपी और वन विभाग के मुखिया सहित अहम पदों पर कार्यवाहक नियुक्तियां की गई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री पुराने अधिकारियों से पीछा नहीं छुड़ा पा रहे हैं तथा सेवानिवृत्त अधिकारियों को ढोने का काम कर रहे हैं। जयराम ठाकुर ने यहां जारी बयान में आरोप लगाया कि सरकार की इस कार्यप्रणाली का खामियाजा प्रदेश के लोग भुगत रहे हैं।

प्रदेश में ज्यादातर जगहों पर सरकार अपनी सुविधा के अधिकारियों को कार्यवाहक के रूप में तैनाती दे रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर व्यवस्था पतन की राह पर सरकार चल रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केंद्र से आईएएस, आईपीएस और आईएफएस के नए अधिकारी नहीं लेने की बात लिखकर दे चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने ऐसा फैसला मित्र मंडली के कहने पर लिया है।

उन्होंने कहा कि कुछ दागी अधिकारियों को लेकर तो न्यायालय की तरफ से आदेश आए। उन्होंने आरोप लगाया कि संदिग्ध आचरण वाले से कुछ अधिकारियों के कारण कुछ मंत्री व कई विधायक भी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को 58 वर्ष वाली पक्की नौकरी देने के सब्जबाग दिखाने वाली कांग्रेस सरकार रिटायर अधिकारियों के दम पर चल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर मुख्यमंत्री की ऐसी क्या मजबूरी है जो उनसे अपना पीछा नहीं छुड़वा पा रहे हैं।

मंत्री जी पैसे जेब में नहीं आते, सरकार के खाते में आते हैं : राकेश
विधायक एवं भाजपा के मुख्य प्रवक्ता राकेश जम्वाल ने राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी की बयानबाजी पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि मंत्री यह नहीं जानते कि पैसे जेब में नहीं आते हैं, वह सरकार के खाते में आते हैं। राकेश जम्वाल ने यहां जारी बयान में कहा कि केंद्र का पैसा आपदा प्रभावितों के लिए भेजा जाता है, न कि कांग्रेस सरकार के नेताओं की जेब भरने के लिए भेजा जाएगा।

उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष, 2023 में आई प्राकृतिक आपदा के लिए आई राशि का अब तक खर्च नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अब तक आपदा राहत के नाम पर 5,500 करोड़ रुपए से अधिक की नकद आर्थिक सहायता कर चुकी है। उन्होंने कहा कि केंद्र से भेजी गई राशि कहां खर्च हुई है? उन्होंने दावा किया कि सरकार की तरफ से करीब 350 करोड़ रुपए ही आपदा प्रभावितों को वितरित किए गए हैं?


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Kuldeep

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