भारी बारिश से हुए नुक्सान को लेकर मुख्यमंत्री की हाई लेवल मीटिंग
punjabkesari.in Monday, Aug 14, 2023 - 10:46 PM (IST)

शिमला (कुलदीप): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछले 2 दिन से हो रही भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश के इतिहास में एक दिन में सबसे अधिक 41 लोगों की बहुमूल्य जान गई है, जबकि 13 लोग अभी भी लापता हैं। भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए शिमला में बुलाई गई एक आपात बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि परेड में स्थानीय पुलिस और एस.डी.आर.एफ. के जवान शामिल नहीं होंगे। वे बचाव कार्यों में ही शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि भारी बारिश से लोगों को हो रही परेशानियों को दूर करना सरकार की पहली प्राथमिकता है और परेड को भी स्केल डाऊन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नालागढ़ से एन.डी.आर.एफ. की टुकड़ी शिमला पहुंच गई है। प्रदेश में लगभग 1200 सड़कें प्रभावित हुई हैं, जिन्हें बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौसम अनुकूल होने पर 600 सड़कों को देर शाम तक खोल दिया जाएगा और 300 सड़कों को मंगलवार तक बहाल कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बारिश के कारण जिला सोलन, शिमला, मंडी और हमीरपुर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। उन्होंने शिमला शहर में बंद सड़कों को जल्द से जल्द खोलने के निर्देश दिए और कहा कि गिरे हुए पेड़ों को तुरंत हटा कर सड़कों को बहाल किया जाए। खतरनाक हो चुके पेड़ों को चिन्हित कर सुबह तक उसकी रिपोर्ट उन्हें प्रदान करने के निर्देश दिए।
उन्होंने प्रभावित पेयजल योजनाओं को जल्द से जल्द बहाल कर लोगों को पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश भर में बहुत से स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिसका सम्बन्धित विभाग को अध्ययन करना चाहिए, ताकि इनके कारणों के बारे में पता चल सके। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के उपायुक्तों से विद्युत, जलापूॢत योजनाओं और सड़कों की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए ताकि लोगों की परेशानियों को कम किया जा सके।
बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. (कर्नल) धनी राम शांडिल, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी. गोपाल शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया, ए.डी.जी.पी. सतवंत अटवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।