Shimla: मुुख्यमंत्री की घोषणा के 14 दिन बाद भी एक भी कर्मचारी की नहीं हुई प्रमोशन : प्रशांत

punjabkesari.in Wednesday, Oct 29, 2025 - 06:02 PM (IST)

शिमला (राजेश): बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन की नई कार्यकारिणी प्रदेश भर में बोर्ड कर्मचारियों के हितों की लड़ाई लड़ेगी। कर्मचारी यूनियन की नई कार्यकारिणी के प्रदेशाध्यक्ष नीतीश भारद्वाज एवं महासचिव प्रशांत शर्मा ने बुधवार को पूर्व कर्मचारी संघ महासचिव हीरालाल वर्मा की अध्यक्षता में एक प्रैसवार्ता की। इस मौके पर कर्मचारी यूनियन के नए पदाधिकारियों ने अपना परिचय भी रखा।

इस मौके पर यूनियन के नवनियुक्त महासचिव प्रशांत शर्मा ने कहा कि यूनियन पदाधिकारी कर्मचारी के हितों की लड़ाई कर्मचारियों से मिलकर लड़ेंगे और यूनियन हर कदम पर कर्मचारियों के साथ खड़ी रहेगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में बोर्ड के एक हजार से अधिक कर्मचारी अपनी पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं।

अधिवेशन के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा की थी कि बोर्ड में कर्मचारियों व तकनीकी कर्मचारियों की प्रमोशन रुकी हुई है और यह प्रमोशन तत्काल प्रभाव से होगी। लेकिन हैरानी की बात यह है कि अधिवेशन के 14 दिन बाद भी एक कर्मचारी की प्रमोशन के ऑर्डर नहीं हुए हैं, जिससे कर्मचारियों में सरकार व प्रबंधन के खिलाफ रोष बढ़ता जा रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार जल्द ही कर्मचारियों के प्रमोशन के आदेश जारी करे, ताकि कर्मचारियों को लाभ मिल सके।

बिजली बोर्ड में 9 हजार कर्मचारियों के पद रिक्त, नियमित कर्मचारियों की करे भर्ती
प्रैसवार्ता को पूर्व बिजली बोर्ड कर्मचारी संघ के महासचिव हीरालाल वर्मा ने कहा कि बोर्ड में कर्मचारियों की कमी बढ़ती जा रही है। बोर्ड में 9 हजार पद खाली पड़े हैं इनमें 5 हजार पद तकनीकी कर्मचारियों के रिक्त पड़ हैं, लेकिन सरकार द्वारा यह पद नहीं भरे जा रहे हैं। कर्मचारियों के पदों की कमर के चलते उपभोक्ता भी परेशान हो रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि बोर्ड में स्थायी कर्मचारियों की भर्ती की जाए।

कर्मचारियों के अधिकारों पर भी हो रहा हमला
हीरालाल वर्मा ने कहा कि सरकार व बिजली बोर्ड प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों के अधिकारों पर हमला किया जा रहा है। प्रबंधन द्वारा बीते दिनों एक आदेश जारी किया गया कि बिजली बोर्ड के कैंपस में कोई भी आंदोलन के लिए एकत्रित नहीं होगा, जबकि यह कर्मचारियों के अधिकारों के विरुद्ध है। उन्होंने सरकार से उम्मीद जताई कि यह आदेश सरकार वापस लेगी। इसके अतिरिक्त सरकार से उन्होंने मांग की है कि घोषणा के तहत कर्मचारियों पर की गई चार्जशीट को भी वापस लिया जाए।


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Kuldeep

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