Shimla: केंद्र से आए पैसों का हिसाब दे प्रदेश सरकार : जयराम
punjabkesari.in Saturday, Oct 25, 2025 - 09:32 PM (IST)
शिमला (ब्यूरो): पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आपदा की वजह से हजारों घर नष्ट हो गए हैं। लोगों के जीवन भर की कमाई चली गई है। हजारों लोगों के सिर पर छत नहीं है। बेघर लोग सरकार की तरफ आशा की नजरों से देख रहे हैं। सर्दियों सिर पर हैं और लोगों के रहने के लिए ठिकाना नहीं है। प्रदेश के लोगों को राहत पहुंचाने की बजाय मुख्यमंत्री और उनके मंत्री मसखरी कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार आपदा प्रभावितों के मामले में भी संवेदनहीन है। केंद्र सरकार द्वारा पिछले अढ़ाई सालों में आपदा के लिए भेजी गई 5500 करोड़ रुपए की धनराशि का दसवां हिस्सा भी हिमाचल प्रदेश सरकार आपदा प्रभावितों पर खर्च नहीं कर पाई है।
वर्ष 2025 की आपदा को 3 महीने से ज्यादा का समय बीत गया। सरकार द्वारा राहत पैकेज की घोषणा को अभी 2 महीने से ज्यादा का समय बीत गया। 10 जुलाई को मुख्यमंत्री ने कहा था कि प्रदेश के लोगों को घर बनाने के लिए 7 लाख रुपए मिलेंगे। एक भी आपदा प्रभावित को सरकार की तरफ से राहत पैकेज का एक भी पैसा नहीं मिला है। हर बात पर सुक्खू सरकार केंद्र सरकार पर दोष नहीं डाल सकती। केंद्र सरकार नियमों के अनुसार हिमाचल प्रदेश को लगातार आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। नुक्सान को देखते हुए आपदा राहत राशि में पहले भी बढ़ौतरी की गई है, इस बार भी 1500 करोड़ के पैकेज की घोषणा प्रधानमंत्री द्वारा की गई है, लेकिन मुख्यमंत्री यह समझ लें कि वह पैसा सरकार चलाने की बजाय आपदा प्रभावितों को राहत देने के लिए ही मिलेगा।
जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल सरकार की पूरी सहायता की है। उन्होंने प्रदेश सरकार से केंद्र से आए धन का पूरा ब्यौरा देने की मांग की तथा कहा कि केंद्र सरकार अपना काम कर रही है, लेकिन सवाल यह है कि आपदा जैसी भयावह स्थिति में राज्य सरकार क्या कर रही है? क्या आपदा से त्रस्त लोगों की मदद करने का काम राज्य की सरकार का नहीं है? क्या राज्य सरकार अपने संसाधनों से आपदा प्रभावितों की कोई मदद नहीं करेगी? क्या प्रदेश के मुखिया सिर्फ केंद्र सरकार के ऊपर सारा दोष मढ़कर आपदा प्रभावितों को ऐसे ही सर्दी में ठिठुरने के लिए छोड़ देंगे। क्या केंद्र द्वारा भेजा गया आपदा राहत का पैसा मुख्यमंत्री प्रदेश सरकार चलाने में ही खर्च करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का पूरा प्रचार तंत्र और मित्र मंडली चाहकर भी आंकड़ों को झुठला नहीं पाएगी।
मुख्यमंत्री से प्रदेश की जनता यह जानना चाहती है कि केंद्र द्वारा अब तक भेजे गए आपदा राहत की धनराशि प्रदेशवासियों को क्यों नहीं मिली? केंद्र द्वारा भेजी गई धनराशि कहां खर्च हुई? क्या मुख्यमंत्री राज्य के संसाधनों से आपदा प्रभावित लोगों को राहत देंगे या नहीं? जिस व्यक्ति के सिर पर छत नहीं होती है उसके लिए एक-एक पल भारी होता है, लेकिन इस सरकार ने 3 महीने का वक्त ऐसे ही गुजार दिया। सर्दियों में ऐसे लोगों का क्या होगा उनके बारे में एक बार भी नहीं सोचा।
बस के ड्राइवर और कंडक्टर को ही बलि का बकरा बना रही है सरकार
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री एचआरटीसी की अनियमितताओं को लेकर मंत्री और प्रबंधन को दोष देते हैं, लेकिन प्रबंधन किसी भी अनियमितता के लिए सिर्फ ड्राइवर और कंडक्टर को बलि का बकरा बनाते हैं। कोई राहुल गांधी का वीडियो चला दे तो ड्राइवर व कंडक्टर पर कार्रवाई होती है, बस को यात्री धक्का मार कर बस अड्डा पहुंचाते हैं और यदि बस में कोई सीट टूटी हो तब भी वीडियो वायरल होने पर यह सरकार ड्राइवर और कंडक्टर पर ही कार्रवाई करती है। क्या एचआरटीसी में सभी अनियमितता के लिए सिर्फ ड्राइवर और कंडक्टर ही दोषी हैं? सरकार लोगों की आंखों में धूल झोंकने के बजाय अपनी जिम्मेदारी समझे तो प्रदेश के लिए बेहतर होगा।

