राजीव गांधी वन संवर्धन योजना से पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण रोजगार को मिलेगा बढ़ावा: उपमुख्यमंत्री

punjabkesari.in Sunday, Aug 10, 2025 - 05:14 PM (IST)

ऊना। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और वन प्रबंधन में जनभागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए राजीव गांधी वन संवर्धन योजना शुरू की है। इसके अंतर्गत महिला मंडलों, युवक मंडलों, स्वयं सहायता समूहों और अन्य पंजीकृत सामुदायिक संगठनों को वनीकरण गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। योजना के तहत बंजर भूमि पर फलदार पेड़ लगाए जाएंगे, जिससे पर्यावरण को संवारने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। उन्होंने क्षेत्र के सभी महिला मंडलों से इस योजना से जुड़ने का आह्वान किया।

वे रविवार को ऊना जिले के हरोली में जलशक्ति विभाग के निर्माणाधीन विश्राम गृह के परिसर में आयोजित 76वें वन महोत्सव के अवसर पर जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने परिसर में अर्जुन का पौधा लगाया। उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत समूहों को 1 से 5 हेक्टेयर बंजर वन भूमि पर फलदार वृक्ष लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। ये समूह पांच वर्षों तक वृक्षारोपण के रखरखाव के लिए भी ज़िम्मेदार होंगे। प्रति हेक्टेयर वृक्षारोपण पर प्रत्येक समूह को 1.20 लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी, जबकि एक हेक्टेयर से कम भूमि होने पर सहायता राशि अनुपातिक होगी।

पौधों की जीवित रहने की दर के आधार पर समूह को प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। पौधों के 50 प्रतिशत से अधिक सर्वाइवल पर अतिरिक्त 1 लाख रुपये दिए जाएंगे। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी मजबूती आएगी। वन विभाग ने पंडोगा में इस योजना की शुरुआत की है। उपमुख्यमंत्री ने विभाग को अन्य पंचायतों में भी इसे गति देने को कहा। वहीं, उन्होंने जलशक्ति विभाग के अधिकारियों को विश्राम गृह के कार्य को 15 दिसंबर तक पूर्ण कराने के निर्देश दिए और उससे पूर्व परिसर में वन विभाग के सहयोग से योजनाबद्ध पौधारोपण करने को कहा।

ऊना में पहली बार हुई बड़े प्रजाति के पेड़ों की गणना और जियो टैगिंग

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बड़े प्रजाति के पेड़ों को कटने से बचाने के लिए कटिबद्ध है। इसी दृष्टि से ऊना जिले में पहली बार आम, बरगद और पीपल के पेड़ों की गिनती करवाई गई है। वन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिले में कुल 46,425 बड़े पेड़ हैं, जिनमें 40,827 आम, 3,538 पीपल और 2,060 बरगद के पेड़ शामिल हैं। इन सभी की जियो टैगिंग कर दी गई है, जिससे अवैध कटान रोकने में मदद मिलेगी। हरोली विधानसभा क्षेत्र में आम के 12,639, पीपल के 631 और बरगद के 242 पेड़ हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि फोकस इन प्रजातियों के संरक्षण और विस्तार पर है और इसके लिए पूरे समाज को मिलकर कार्य करना होगा।

वनीकरण पर जोर, लगाए जाएंगे 2.78 लाख पौधे

अग्निहोत्री ने कहा कि इस वर्ष ऊना जिले में 2.78 लाख पौधे रोपे जाएंगे। उन्होंने बताया कि जिले में भौगोलिक रूप से वन क्षेत्र कम है। जिले में कुल वन भूमि केवल 21,000 हेक्टेयर है और हरोली में वन घनत्व अपेक्षाकृत सबसे कम है। इसे बढ़ाने के लिए वन विभाग को योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि वन विभाग की बायोडायवर्सिटी योजना के तहत हरोली में 20 हजार खैर के पौधे भू-मालिकों को मुफ्त आबंटित किए गए हैं। इसके अलावा बरगद, पीपल शमी और बिल प्रजाति के 831 पौधे भी लगाए गए हैं।

हरोली में विकास का निर्णायक दौर, बल्क ड्रग पार्क के 900 करोड़ के टेंडर

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हरोली विधानसभा क्षेत्र निर्णायक विकास के दौर से गुजर रहा है। बल्क ड्रग पार्क के विभिन्न कार्यों के लिए 900 करोड़ रुपये के टेंडर किए जा चुके हैं। इस परियोजना के माध्यम से भारत की एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट्स आपूर्ति में चीन पर निर्भरता समाप्त होगी और देश की औषधीय आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा। यह देश में स्थापित हो रही तीन राष्ट्रीय बल्क ड्रग पार्क परियोजनाओं में से एक है और इसके ऊना में स्थापित होने से हिमाचल को फार्मा सेक्टर में वैश्विक पहचान मिलेगी। परियोजना में भविष्य में लगभग 10,000 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है और 10,000 से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।

अग्निहोत्री ने बताया कि डॉ. सिम्मी अग्निहोत्री राजकीय डिग्री कॉलेज हरोली को स्टेट-ऑफ-द-आर्ट संस्था के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस शैक्षणिक सत्र से एमए और विभिन्न प्रोफेशनल कोर्स शुरू किए गए हैं। मानविकी, विज्ञान, वाणिज्य, ललित कलाओं और संगीत के साथ-साथ व्यावसायिक कोर्स की कक्षाएं भी शुरू की गई हैं। भविष्य में इसमें एनसीसी की सुविधा भी जोड़ी जाएगी।

वहीं, हरोली के रोड़ा में 10 करोड़ रुपये की लागत से सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक का निर्माण किया जाएगा, जिसे केंद्र सरकार की स्वीकृति मिल चुकी है। यह ट्रैक न केवल ऊना बल्कि आसपास के जिलों के खिलाड़ियों को वैज्ञानिक प्रशिक्षण का अवसर देगा। इसके अलावा 13 करोड़ रुपये की लागत से हेलीपोर्ट का निर्माण, साथ ही ट्रांसपोर्ट पार्क और वाहन परीक्षण केंद्र भी विकसित किए जा रहे हैं। क्षेत्र में सैकड़ों करोड़ रुपये की लागत से सड़कों और पुलों के निर्माण कार्य तेज गति से जारी हैं।

सहकारी क्षेत्र में नई पहचान

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी क्षेत्र के संस्थान के तौर पर हिमकैप्स बड़ी पहचान बना चुका है और अब यहां आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज स्थापित होने से यह पहचान और निखरेगी। सहकारी क्षेत्र का यह प्रतिष्ठित संस्थान पहले से ही हरोली के बढेड़ा में लॉ कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज का सफल संचालन कर रहा है और अब आयुर्वेद शिक्षा के क्षेत्र में भी अपनी पहचान स्थापित करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरोली सहकारी क्रांति का जनक रहा है, पंजावर के मियां हीरा सिंह ने सहकारी क्रांति की अलख जगाई थी। उनके नाम पर पंजावर में एक राज्य स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण किया जा रहा है।

विकास बाधकों पर साधा निशाना

अग्निहोत्री ने विकास बाधकों पर निशाना साधते हुए कहा कि जिनका हरोली के विकास में रत्ती भर का योगदान नहीं है, वे चंद लोग नुक्ताचीनी करते घूम रहे हैं और विकास रोकने की साजिशों में लगे हैं। उन्होंने खुद को हरोली का कस्टोडियन बताते हुए कहा कि यहां के विकास के लिए जो करना होगा, वे जन सहयोग से करके रहेंगे। उन्होंने कहा कि आलोचना करने वालों से विकास के इरादे विचलित नहीं होते।

कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणजीत राणा, अशोक ठाकुर, धर्म सिंह चौधरी, प्रमोद कुमार, जसपाल जस्सा, संदीप अग्निहोत्री, नगनोली के प्रधान मेहताब सिंह, बाथू की प्रधान सुरेखा राणा, कांगड़ की प्रधान नीलम कुमारी, हरोली की प्रधान रमन कुमारी, पूर्व सैनिक लीग के जिला प्रधान कैप्टन शक्तिचंद, हिमकैप्स संस्था के अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह, हरोली यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष शुभम सहित, विभिन्न विभागों अधिकारी तथा स्थानीय लोग उपस्थित रहे।


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Content Editor

Jyoti M

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