स्कूल फीस बिल के खिलाफ लामबंद हुए निजी स्कूल संचालक, सरकार को भेजा ज्ञापन

punjabkesari.in Wednesday, Jun 30, 2021 - 07:27 PM (IST)

धर्मशाला (नृपजीत निप्पी): प्रदेश सरकार के स्कूल फीस बिल के विरोध में जिलाभर के निजी स्कूल संचालक लामबंद हो गए हैं। इसी कड़ी में बुधवार को धर्मशाला स्थित डीसी कार्यालय के बाहर इंडिपैंडेंट स्कूल एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश व अन्य स्कूल एसोसिएशन ने स्कूल फीस बिल पर विरोध जताया, वहीं डीसी कांगड़ा के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजा। इस दौरान इंडिपैंडेंट स्कूल एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश के प्रधान डॉ. गुलशन, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड एसोसिएशन के अंकुश सूद, राजेश रॉकी, जसवंत डडवाल व निजी स्कूलों से संजय शर्मा, अरविंद डोगरा, सुधांशु शर्मा, डॉ. छवि कश्यप व नवनीत डोगरा सहित अन्य मौजूद रहे।
PunjabKesari, DC Office Image

...तो 3 लाख शिक्षक सड़कों पर होंगे

डॉ. गुलशन ने कहा कि प्रदेश के निजी स्कूलों में 6 लाख स्टूडैंट्स शिक्षारत हैं और इन निजी स्कूलों के माध्यम से 3 लाख शिक्षकों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है, ऐसे में सरकार स्कूल फीस बिल लाती है तो 3 लाख शिक्षक सड़कों पर होंगे और स्कूल बंद होंगे तो निजी स्कूल संचालक स्कूलों की चाबियां सरकार को सौंपने को मजबूर होंगे। निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि यह बिल शिक्षा का गला घोटने का काम करेगा। यह बिल असंवैधानिक है क्योंकि टीएमए पीएआई केस में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों की फीस को सरकार नियंत्रित नहीं कर सकती, हर स्कूल अपनी सुविधा के आधार पर फीस लेता है।
PunjabKesari, Doctor Gulshan Image

बिल लाया तो सभी स्कूल हो जाएंगे बंद

उच्च न्यायालय ने भी 24 अगस्त, 2020 के फैसले में स्कूलों की स्वतंत्रता को बरकरार रखा है। निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि सरकार यह बिल लाती है तो लगभग सभी स्कूल बंद हो जाएंगे और वर्तमान में भी कुछ स्कूल बंद हो गए हैं। सरकार फीस में केवल हर साल 6 फीसदी वृद्धि की बात कर रही है जबकि अन्य वस्तुओं के दाम 15 से 20 फीसदी हर साल बढ़ रहे हैं।

6 लाख बच्चों को नहीं मिलेगी सरकारी स्कूलों में बैठने की जगह

डॉ. गुलशन ने कहा कि निजी स्कूल बंद होंगे तो लगभग 6 लाख बच्चों को सरकारी स्कूलों में बैठने की जगह नहीं होगी तो शिक्षा का क्या होगा। उन्होंने कहा कि हम सब को मिलकर प्रदेश में शिक्षा का अच्छा माहौल बनाना चाहिए, आधुनिक शिक्षा को अपनाना चाहिए, बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए निजी स्कूलों को प्रोत्साहित करें और गुरु-शिष्य की गरिमा को कायम रखें। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन व अभिभावकों के बीच ऐसा वातावरण न बनाएं, जिससे कि बच्चों का भविष्य खराब हो। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vijay

Recommended News

Related News