कैदियों को नहीं पड़ेंगी अस्पताल ले जाने की आवश्यकता, जेलों में ही होंगे स्वास्थ्य संबंधी टैस्ट

punjabkesari.in Tuesday, Dec 10, 2019 - 10:41 AM (IST)

शिमला (ब्यूरो): राज्य की 5 जेलों में ब्लड एनलाइजर मशीनें स्थापित की गई हैं। ऐसा होने से अब सजायाफ्ता और विचाराधीन कैदियों को स्वास्थ्य संबंधी टैस्टों के लिए अस्पताल ले जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और जेलों में टैस्ट हो जाएंगे। यह सुविधा कंडा, नाहन, धर्मशाला, बिलासपुर और ऊना जेल में शुरू हुई है, जबकि अन्य 4 जेलों में जल्द ही उक्त मशीनें स्थापित कर दी जाएंगी। जेल विभाग प्रयासरत है कि राज्य की सभी जेलों में यह सुविधा शुरू की जाए, ताकि छोटे-छोटे टैस्टों के लिए कैदियों को अस्पताल ले जाने की आवश्यकता न पड़े। कैदी के शूगर व बी.पी. सहित अन्य टैस्ट अब जेलों के अंदर ही हो रहे हैं।

सूचना के अनुसार जेलों में स्थापित की गई ब्लड एनलाइजर मशीनों को चलाने और टैस्ट की जांच को लेकर कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। मशीनों को चलाने के लिए जेल के ही वार्डरों को ट्रेङ्क्षनग दी गई है। खासतौर पर इन कर्मचारियों को कोर्स करवाया गया है। सूत्रों के अनुसार कंडा और नाहन जेल में ई.सी.जी. मशीन लगाए जाने के साथ ही माइनर ऑप्रेशन थिएटर बनाए जाने की दिशा में प्रयास हो रहे हैं। राज्य की कंडा, नाहन, धर्मशाला और बिलासपुर जेलों में कुछ डाक्टर भी डैपुटेशन पर तैनात किए गए हैं, ताकि कैदियों को जेलों में स्वास्थ सेवाएं प्रदान की जा सकें। जेलों में छोटे-छोटे टैस्ट की सुविधा मिलने से कैदियों को सामान्य जांच के लिए अब अस्पताल नहीं ले जाना पड़ेगा। ऐसा होने से जहां कैदियों को अस्पताल ले जाने का खर्च बचेगा वहीं कैदियों के फरार होने के मामलों पर भी अंकुश लगेगा।

2 शिफ्टों में रोजगार देने वाला पहला राज्य

राज्य में जेल विभाग ने कैदियों के लिए कई सुधारवादी कार्यक्रम शुरू किए हैं। हिमाचल पूरे देश में एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां की जेलों में कैदियों को 2 शिफ्टों में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। कैदियों द्वारा बनाए जाने वाले उत्पादों की बिक्री के लिए जेल विभाग मार्कीट भी उपलब्ध करवा रहा है। हिमाचल में प्रत्येक कैदी की औसतन आय 1,38255 रु पए है, जबकि बिहार में 1,93,750 और तेलंगाना में 1,86,300 रुपए है। देश की जेलों में 30 फीसदी कैदी अनपढ़ हैं।

 एन.डी.पी.एस. से जुड़े कैदियों की संख्या

राज्यों की जेलों में एन.डी.पी.एस. से जुड़े कैदियों की संख्या काफी ज्यादा है। इनमें महिला कैदी भी शामिल हंै। तस्करों पर कसते शिकंजे से जेलों में कैदियों की क्षमता काफी बढ़ी है। बाहरी राज्यों से जुड़े तस्करों की संख्या भी यहां काफी है।


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Edited By

Simpy Khanna

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