Video : अफगानिस्तान से जान बचाकर नौणी विश्वविद्यालय पहुंचा Ph.D का छात्र, बयां की दास्तां
punjabkesari.in Tuesday, Aug 17, 2021 - 04:56 PM (IST)
सोलन (ब्यूरो): डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी का पीएचडी का अफगानी छात्र काबुल से अपनी जान बचाकर होस्टल पहुंच गया है। अब उसे अफगानिस्तान में रह रहे अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता सताने लगी है। तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा करने के बाद वहां पर बिगड़े हालात को देखते हुए पीएचडी का छात्र अपनी 10 दिनों की छुट्टियां को छोड़कर काबुल से भारत सोमवार को आई अंतिम फ्लाइट में दिल्ली पहुंच गया। इसके बाद वह सोमवार रात को ही दिल्ली से नौणी विश्वविद्यालय में पहुंच गया।
सैयद सैफतुल्लाह ने बताया कि काबुल पर तालिबान का कब्जा होने के बाद वहां पर अफरा-तरफी का माहौल है। लोग अपनी जान बचाने के लिए वहां से भाग रहे हैं। तालिबान पढ़ाई के बिल्कुल खिलाफ है। विदेशों में पढ़ रहे छात्रों से तालिबानी नफरत करते हैं। यही कारण है कि उसे अपनी जान बचाकर वहां से भागना पड़ा। उसके माता-पिता, चार भाई व तीन बहनें काबुल में ही हैं। अब उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता सताने लगी है। पता नहीं वे वहां ठीक होंगे या नहीं क्योंकि उनसे संपर्क नहीं हो रहा है। काबुल में लोग अपनी जान बचाने के लिए सड़कों पर दौड़ते नजर आ रहे हैं। इसका प्रकार के मंजर की कल्पना उसने कभी नहीं की थी।
उसने बताया कि नौणी विश्वविद्यालय से वह पीएचडी कर रहा है। वह छुट्टियों में ही अपने घर अफगानिस्तान गया था। अभी 10 दिन की छुट्टियां और बची हुई थीं लेकिन उसे भारत वापस आना पड़ा। तालिबान के कदम काबुल की ओर बढ़ते देख ही फ्लाइट की बुकिंग कर ली थी। एयरपोर्ट पर हजारों की संख्या में लोग पलायन करने के लिए पहुंच गए हैं लेकिन एयर टिकट नहीं मिल रही है। अब पता नहीं कब तक उसे अपने परिवार से दूर रहना पड़ेगा।
सैयद सैफतुल्लाह के अलावा नौणी विश्वविद्यालय में अफगानिस्तान के 7 और छात्र हैं जो वहां पर एमबीए और एमएससी कर रहे हैं। ये सभी छात्र अपने परिवारों की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हैं। उन्हें अपने परिवार के सदस्यों के साथ संपर्क करना मुश्किल हो रहा है। वहां पर हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। फिलहाल वे न तो अपने परिवार के पास जाने की स्थिति में हैं और न ही उन्हें भारत बुला सकते हैं। अब वे उनकी सलामती के लिए दुआएं ही कर रहे हैं।