राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हुए पंडित सुखराम, अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब

punjabkesari.in Thursday, May 12, 2022 - 06:29 PM (IST)

मंडी (अनिल): पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पंडित सुखराम का वीरवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ हनुमानघाट मंडी में अंतिम संस्कार किया गया। वीरवार सुबह साढ़े 10 बजे पंडित सुखराम की अंतिम यात्रा निवास स्थान बाड़ी से धार्मिक परंपराओं के बाद शुरू हुई। इस दौरान पंडित सुखराम के दोनों बेटों, बेटियों, छोटे पोते आयुष शर्मा और अर्पिता, उनके बच्चों तथा अन्य परिजनों ने घर पर उन्हें अंतिम विदाई दी।
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पंडित सुखराम की पार्थिव देह को प्रशासन की तरफ से तिरंगा झंडा अर्पित किया गया तथा दोनों पोतों आयुष और आश्रय ने अपने दादा की अर्थी को कंधा दिया। अंतिम यात्रा में शामिल लोग पंडित सुखराम अमर रहे के नारे लगा रहे थे। परिजन पंडित सुखराम की पार्थिव देह के साथ वाहन में ही बैठे थे जबकि उनके पोते आश्रय शर्मा लोगों के साथ पैदल चल रहे थे। 
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सेरी मंच पर अंतिम दर्शनों के लिए रखी पार्थिव देह
पंडित सुखराम के समर्थक शंख और राम नाम सत्य है, हरि नाम सत्य का जाप करते हुए 12 बजे के करीब ऐतिहासिक सेरी मंच पहुंचे और उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया। यहां मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, जनजातीय विकास और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डाॅ. रामलाल मारकंडा, सांसद और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप, विधायक राकेश जम्वाल, इंद्र सिंह गांधी और जवाहर ठाकुर, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, जिला परिषद अध्यक्ष पाल वर्मा, मंडी नगर निगम की महापौर, उप महापौर और पार्षद तथा कांग्रेस नेत्री सोनिया गांधी की ओर से कौल सिंह ठाकुर व जिलाध्यक्ष प्रकाश चौधरी तथा कांग्रेस नेता कुलदीप राठौर की ओर से पंडित सुखराम को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कुछ ही देर में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भी सेरी मंच पहुंचे और सुखराम को श्रद्धांजलि देकर अनिल शर्मा को ढांढस बंधाया। गौर हो कि पंडित सुखराम को ब्रेन स्ट्रोक के उपरांत एम्स नई दिल्ली में भर्ती करवाया गया था जहां उन्होंने अंतिम सांस ली थी। कौल सिंह ने कहा कि उनके निधन से राजनीति के एक अध्याय का अंत हो गया, वह लोगों के बहुत करीबी थे। 
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हनुमान घाट पर हुआ अंतिम संस्कार
हनुमान घाट पर अचलेश्वर महाकाल मंदिर के बाहर पंडित सुखराम की पार्थिव देह को अंतिम रस्मों के लिए कुछ देर तक रखा गया और उसके बाद उन्हें राजकीय सम्मान के साथ सलामी दी गई, तत्पश्चात उनका अंतिम संस्कार वैदिक मंत्रोच्चारण से आरंभ हुआ। अनिल शर्मा ने उन्हें मुखाग्रि दी और छोटे बेटे, पोते आश्रय और आयुष ने भी धार्मिक रस्में पूरी कीं, तत्पश्चात लोगों ने भी उन्हें श्मशानघाट पर श्रद्धांजलि (त्रिणी) अर्पित की। पूर्व सीपीएस सोहन लाल ठाकुर, रामलाल ठाकुर, चम्पा ठाकुर, कांग्रेस सेवादल के प्रेम लाल गुड्डू, केशव नायक, अनिल आदि ने राजनीति और विकास में पंडित सुखराम के योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
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सुखराम के प्रयास से घर-घर पहुंचे टैलीफोन : जयराम
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पंडित सुखराम के जाने से देश और प्रदेश की राजनीति में बड़ी क्षति हुई है। एक लंबा समय राजनीति में उन्होंने बिताया है और विकास में भी उनका खासा योगदान रहा है। संचार क्रांति में भी घर-घर टैलीफोन उनके प्रयासों से पहुंचे हैं। पंडित सुखराम ने अपने 60 वर्षों के लंबे राजनीतिक जीवन के दौरान हिमाचल प्रदेश के विकास और यहां के लोगों के कल्याण के लिए अभूतपूर्व योगदान दिया। उनके योगदान के लिए राज्य की जनता उन्हें हमेशा याद रखेगी। 
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वायदे के पक्के थे सुखराम : धूमल
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने पंडित सुखराम को एक सच्चा इंसान बताते हुए कहा कि वह वायदे के पक्के थे। हिमाचल में जब उनके समर्थन से सरकार बनी तो 5 साल का वायदा किया था, जो उन्होंने निभाया भी, उस विकास के नए आयाम स्थापित हुए हैं। एक बार गठबंधन तोड़ कर वह विपक्ष में चले गए तो उन्होंने विधानसभा में मेरे खिलाफ भी बहुत कुछ बोला लेकिन हमारे संबंध कभी खराब नहीं रहे। 
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Content Writer

Vijay

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