बहुत हुई शोक सभा व श्रद्धांजलि, अब तो महाभारत हो ही जाना चाहिए : शांता

punjabkesari.in Monday, May 04, 2020 - 08:30 PM (IST)

पालमपुर (ब्यूरो): पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार कहा है कि एक कर्नल व एक मेजर समेत पांच सुरक्षा  कर्मियोंं की शहादत से पूरा देश एक बार फिर से दहल गया है। पाकिस्तान आतंकवाद के द्वारा भारत से लगातार एक धोखे की छद्म लड़ाई लड़ता आ रहा है। इस लम्बी लड़ाई में हजारों सैनिक और जनता शहीद हो चुकी है। आखिर कब तक हम श्रद्धांजलि ही देते रहेंगे, कब तक दिवंगत शहीदों को शोक की सलामी दी जाती रहेगी। श्रद्धांजलि देकर लोग भूल जाते हैं परन्तु शहीद परिवारों का पूरे का पूरा जीवन सूना हो जाता है। जवान विधवाओं का पूरा जीवन आसुंओं में डूब जाता है। बच्चे पिता विहीन हो जाते हैं। उन्होंने कहा है कि आखिर कब तक यह कहते रहेंगे कि शहीदों की शहादत रंग लाएगी और देश यह नहीं सहेगा।

प्रतिदिन सीज फायर का उल्लंघन होता है

पाकिस्तान ने सारे समझौतों को बड़ी बेशर्मी के साथ तोड़ा। अटल बिहारी वाजपेयी शांति का संदेश लेकर बस में बैठकर लाहौर गए और बदले में भारत को कारगिल युद्ध मिला। धोखे पर धोखे, भारत कब तक धोखे खाता रहेगा। सर्जिकल स्ट्राइक से भी कोई फर्क नहीं पड़ा। पाकिस्तान के साथ हुए तीन युद्धों में लगभग 9 हजार सैनिक शहीद हुए थे। परन्तु केवल कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में ही 40 हजार सुरक्षाकर्मी और निर्दोष लोग मारे जा चुके हैं। आतंकवाद के कारण सरकार को करोड़ों अरबों खर्च करने पड़ रहे हैं। इससे बहुत कम खर्च व कम शहादत में पाकिस्तान को हमेशा के लिए ठिकाने लगाया जा सकता है। शांता कुमार ने कहा है कि पूरी दुनिया कोरोना से लडऩे में व्यस्त है। पाकिस्तान भुखमरी के कगार पर है। इस सबके बाद भी प्रतिदिन सीज फायर का उल्लंघन होता है और आतंकवादी गतिविधियां होती हैं।

पाकिस्तान न समझा है न ही समझेगा

हमारा यह पड़ोसी मूर्ख ही नहीं पगला गया है परन्तु भारत कब तक उसका पागलपन सहन करता रहेगा। उन्होंने कहा है कि भारत के लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर लोकसभा पर जब आतंकवादी हमला हुआ था तब भी सरकार ने आर-पार की लड़ाई लडऩे की बात की। परन्तु कुछ विशेष किया नहीं। अब सब सीमाएं तोड़ दी गई हैं। पानी सिर से निकल गया है। भारत के धैर्य और सहन शक्ति की द्रोपदी का चीरहरण भी हो गया है। अब तो महाभारत हो ही जाना चाहिए। प्रतिदिन इस प्रकार जवानों को मरते देखना फिर शोक व्यक्त करना और श्रद्धांजलि देना अब और सहन नहीं होगा। पाकिस्तान न समझा है न ही समझेगा। अब उसे अंतिम बार पूरी तरह से ही समझाना पड़ेगा।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Kuldeep

Recommended News

Related News