Shimla: जयराम ठाकुर का बड़ा आराेप, बाेले-पंचायत चुनाव के नाम पर प्रदेश की जनता काे गुमराह कर रही सरकार

punjabkesari.in Thursday, Oct 23, 2025 - 07:52 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): पंचायत चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री के साथ ही सभी मंत्री व सरकार के नेता प्रदेश को लोगों तथा सभी हितधारकों को गुमराह कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यह आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि जब सरकार कह रही है कि चुनाव निर्धारित समय पर होंगे तो अब तक रोस्टर जारी क्यों नहीं हुआ। उन्होंने पूछा है कि क्या अधिकारियों के सामने सरकार बेबस है या फिर जनता की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश हो रही है। 

...तो चुनाव के निर्धारित समय पर शुरू होने की संभावना होती
जयराम ठाकुर ने कहा कि उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश है कि पंचायत एवं नगर निकाय के चुनावों में आरक्षण रोस्टर चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के कम से कम 90 दिन पहले जारी किए जाएं ताकि लोगों की आपत्तियों की भी सुनवाई हो सके। यदि बीते 25 सितम्बर तक आरक्षण रोस्टर आ जाता तो चुनाव के निर्धारित समय पर शुरू होने की संभावना होती, लेकिन सरकार की तरफ से जितनी भी प्रक्रिया अब तक सामने आई है, वह सब की सब चुनाव टालने की प्रक्रिया ही है। 

...तो समय पर चुनाव कैसे होंगे?
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में जिला उपायुक्तों ने भी हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद अभी तक आरक्षण रोस्टर जारी नहीं किया है। इस बाबत 15 सितम्बर को पंचायती राज के सचिव द्वारा सभी जिलाें के डीसी को आरक्षण रोस्टर 25 सितम्बर तक जारी करने के लिए पत्र लिखा गया था, लेकिन बदले में जिलों के डीसी ने सरकार को एक पत्र लिखा और उस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव ने चुनाव टालने से जुड़ा पत्र जारी कर दिया। जब विपक्ष ने सवाल उठाया तो मुख्यमंत्री और पंचायती राज मंत्री ने कहा कि चुनाव समय पर होंगे। जयराम ठाकुर ने कहा है कि ऐसे में अब पूरा प्रदेश यह जानना चाहता है कि जब आरक्षण रोस्टर ही समय से नहीं आएगा तो समय पर चुनाव कैसे होंगे? जयराम ठाकुर ने कहा मुख्यमंत्री झूठ बोलने के बजाए प्रदेश की जनता को सच बताएं और यदि उन्हें चुनाव करवाना है तो समय पर चुनाव करवाए नहीं तो प्रदेश के लोगों के सामने अपनी नाकामी स्वीकार करें।

सरकारी तंत्र चुनाव रोकने में मशगूल
नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने के बजाए पूरा सरकारी तंत्र चुनाव रोकने में मशगूल है। नगर निगम का चुनाव रोकने के लिए तो सरकार द्वारा पहले अध्यादेश लाया गया था फिर विधानसभा में कानून बनाकर संविधान की धज्जियां उड़ाने की कोशिश की गई थी। उन्होंने कहा है कि पद की गरिमा का ध्यान रखते हुए मुख्यमंत्री और सरकार के लोग सच बोले तथा पंचायत चुनाव जल्दी से जल्दी करवाने की दिशा में ईमानदारी से प्रयास करें।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vijay

Related News