Shimla: राज्य में नर्सिंग छात्राओं से खिलवाड़, 46 कालेजों में से आईएनसी से मात्र 15 को ही मान्यता

punjabkesari.in Thursday, Sep 18, 2025 - 06:41 PM (IST)

शिमला (संतोष): राज्य में नर्सिंग के विद्यार्थियों के साथ बड़ा खिलवाड़ हो रहा है। शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए अटल मैडीकल रिसर्च यूनिवर्सिटी (एएमआरयू) द्वारा राज्यभर के 46 नर्सिंग कालेजों के लिए बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम प्रवेश की काऊंसलिंग तो आयोजित हो रही है, लेकिन शीर्ष नियामक संस्था भारतीय नर्सिंग परिषद (आईएनसी) की शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए अनुमोदित संस्थानों की सूची में केवल 15 कालेज ही शामिल हैं। खास बात यह है कि विश्वविद्यालय का अपना कालेज सरकारी नर्सिंग कालेज लाल बहादुर शास्त्री कालेज नेरचौक मंडी भी इस सूची में शामिल नहीं है, लेकिन बावजूद इसके आल मैडीकल रिसर्च यूनिवर्सिटी द्वारा इसके लिए भी काऊंसलिंग आयोजित कर रहा है, जो आईएनसी सूची में ही शामिल नहीं है। आईएनसी प्रत्येक शैक्षणिक सत्र की शुरूआत में यह सुनिश्चित करने के बाद ही पाठ्यक्रम चलाने की स्वीकृति देता है कि संस्थान के पास आवश्यक स्टाफ और अन्य बुनियादी ढांचा उपलब्ध है की नहीं।

अनुमोदित पाठ्यक्रमों की सूची पूरे देश के लिए राज्यवार व जिलावार वैबसाइट पर अपलोड़ की जाती है। गैर मान्यता प्राप्त कालेजों से उत्तीर्ण होने वाले छात्र हिमाचल छोड़कर किसी भी राज्य में नर्सिंग प्रैक्टिस के लिए पंजीकरण के पात्र नहीं होंगे और वह हिमाचल के बाहर नौकरियों के लिए भी पात्र नहीं होंगे, लेकिन अटल मैडीकल रिसर्च यूनिवर्सिटी द्वारा दो कालेजों के लिए काऊंसलिंग आयोजित करवा रहा है, जिसमें आईएनसी की सूची में केवल एक सरकारी क्षेत्र का संस्थान सिस्टर निवेदिता नर्सिंग कालेज शिमला शामिल है, लेकिन लाल बहादुर शास्त्री कालेज नेरचौक मंडी आईएनसी की सूची में ही शामिल नहीं है। शिमला में सरकारी नर्सिंग कालेज के अलावा निजी 1, मंडी जिला में 2, बिलासपुर जिला में 2, हमीरपुर में 1, सोलन में 1, कांगड़ा में 5, सिरमौर में 2 कालेज ही आईएनसी से मान्यता प्राप्त है, जबकि चम्बा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल-स्पीति व ऊना जिलों में 1 भी कालेज आईएनसी से मान्यता प्राप्त नहीं है। यानि राज्य के एक सरकारी कालेज सहित 30 निजी संस्थान आईएनसी से मान्यता प्राप्त ही नहीं है और यदि इन संस्थानों से प्रशिक्षु प्रशिक्षण हासिल करके डिग्री करते हैं तो वे हिमाचल के अलावा बाहरी राज्यों में न तो प्रैक्टिस कर पाएंगे और न ही नौकरी।


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Content Writer

Vijay

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