जेल से एक और पहल, अब धर्मशाला में कैदी चलाएंगे पैट्रोल पंप
punjabkesari.in Friday, Jul 20, 2018 - 12:42 PM (IST)

शिमला (राक्टा): जिला कारागार धर्मशाला में जल्द ही कैदी पैट्रोल पंप संचालित करते नजर आएंगे। इसके तहत हिमाचल प्रदेश महानिदेशालय कारागार और सुधार सेवाएं द्वारा जल्द ही पैट्रोल पंप संबंधी सभी औपचारिकताएं पूरी कर दी जाएंगी। इसके साथ ही विभाग द्वारा मुक्त कारागार बिलासपुर में एक हैंडलूम इकाई, जिला कारागार सोलन में एक बेकरी इकाई तथा जिला कारागार शिमला कैथू के परिसर में सैलून और टेलरिंग की इकाई आरंभ कर दी गई है। राज्य में जेल विभाग ने कैदियों के लिए कई सुधार कार्यक्रम शुरू किए हैं। हिमाचल पूरे देश में एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां की जेलों में कैदियों को दो शिफ्टों में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
कैदियों द्वारा बनाए जाने वाले उत्पादों की बिक्री के लिए जेल विभाग मार्कीट भी उपलब्ध करवा रहा है। विशेष बात यह है कि प्रदेश में कंडा और नाहन सैंट्रल जेलों के अलावा कई दूसरी जेलों में भी कैदी जीविका कमाने के लिए उत्पाद तैयार कर रहे हैं। जेलों में सूती व ऊनी जैकेट, शाल्स, मफलर, जुराबों के अलावा कंबल, दरियां और लकड़ी से बना सजावटी सामान, चीड़ के पत्तों के बने शोपीस जैसे उत्पाद कैदियों द्वारा तैयार किए जा रहे हैं। इसके साथ ही बेकरी बनाकर भी जेलों में कैदी रोजी-रोटी कमा रहे हैं।
मोबाइल कैंटीन भी चला रहे कैदी
जेल विभाग द्वारा कैदियों की आजीविका के लिए हैंडलूम, गऊशाला, बुक कैफे, बेकरी, कारपेंटरी व मोबाइल वैन योजना शुरू की गई है। इसके अलावा कुछ कैदी मोबाइल कैंटीन भी चलाते हैं। मोबाइल कैंटीन जेलों से बाहर शहरों में चलाई जाती है और वहां पर कैदी कड़ी-चावल तैयार कर लोगों को सर्व करते हैं।
बिलासपुर में है एकमात्र ओपन एयर जेल
राज्य में एक ओपन एयर जेल बिलासपुर में है। यहां पर जेलों में बंद करीब 150 कै दियों को जेलों से बाहर मजदूरी के लिए भेजा जाता है लेकिन जेल विभाग द्वारा ओपन एयर जेल में उन्हीं कैदियों को रखा जाता है, जिनका आचरण सही हो। इसके अलावा प्रदेश की हर जेलों में एक-एक बैरक ओपन एयर जेल का बनाया गया है।
1 करोड़ से अधिक हो गई राशि
जेल विभाग के अनुसार वर्ष 2015 में कैदियों को कुछ लाख की ही मजदूरी का भुगतान किया गया था। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2017-18 में यह राशि लगभग 25 गुणा बढ़कर 1 करोड़ से अधिक हो गई। यह लक्ष्य जेल कारखानों में कैदियों की अधिक भागीदारी, बेहतर विपणन तथा नए व्यवसायों की स्थापना द्वारा हासिल किया गया है।