किन्नौर : निगुलसरी में भूस्खलन से अवरुद्ध NH-5 की बहाली का कार्य युद्धस्तर पर जारी

punjabkesari.in Saturday, Sep 09, 2023 - 08:44 PM (IST)

रिकांगपिओ (रिपन): जिला किन्नौर में निगुलसरी के पास भूस्खलन से अवरुद्ध हुए राष्ट्रीय उज्च मार्ग-5 को बहाल करने के लिए एनएच प्राधिकरण द्वारा दिन-रात युद्धस्तर पर कार्य चलाया हुआ है। मार्ग की बहाली के लिए 5 पोकलेन मशीनें व 4 एयर कम्प्रैशर मशीनें सड़क के दोनों ओर से लगाई गई हैं ताकि शीघ्र मार्ग बहाल हो तथा बागवानों व जिला के लोगों को राहत पहुंच सके परंतु सड़क मार्ग के लगभग 400 मीटर हिस्से का नामोनिशान मिट चुका है, जिससे एनएच.प्राधिकरण को भी मार्ग को बहाल करना चुनौती बना हुआ है। एनएच मार्ग को अवरुद्ध हुए लगभग 55 घंटे हो चुके हैं तथा इस दौरान 400 मीटर अवरुद्ध मार्ग में से लगभग 200 मीटर मार्ग को खोल दिया गया है जबकि अभी उतना ही मार्ग खोलना बाकी है। एनएच प्राधिकरण द्वारा सोमवार तक मार्ग को अस्थायी तौर पर बहाल करने की बात कही जा रही है। 

देश दुनिया से कट चुका है किन्नौर का संपर्क
एनएच के अवरुद्ध होने से जिला किन्नौर देश दुनिया से कट चुका है, जिससे जहां एक ओर जिला में रोजमर्रा की वस्तुओं की सप्लाई भी बाधित हो गई है। वहीं दूसरी ओर बागवानों का सेब भी फं सा हुआ है। टापरी एचपीएमसी फल मंडी टापरी इंचार्ज के अनुसार इस वर्ष टापरी फ ल मंडी में अभी तक 30 हजार से अधिक सेब की पेटियां पहुंच चुकी हैं तो वहीं सेब की पेटियों से भरी 7 गाड़ियां लोड हों चुकी हैं तथा मार्ग के अवरुद्ध होने के कारण लगभग 2000 सेब की पेटियां मंडी में पड़ी हुई हैं। किन्नौर जिला भारत-चीन सीमा पर बसा है, ऐसे में सुरक्षा व सामरिक दृष्टि से भी जल्द से जल्द मार्ग बहाल होना अति आवश्यक है।

सेब को मंडियों तक पहुंचाने के लिए किए जा रहे प्रबंध : जगत सिंह
वहीं राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने शनिवार को भी निगुलसरी में अवरुद्ध मार्ग स्थल का दौरा कर मार्ग बहाली कार्य का जायजा लिया तथा एनएच प्राधिकरण को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने बागवानों और आढ़तियों को आश्वासन देते हुए कहा कि वे चिंतित न हों क्योंकि सेब की फ सल को जिले के बाहर मंडियों भेजने के लिए उपयुक्त प्रबंध किए जा रहे हैं क्योंकि प्रदेश सहित जनजातीय जिला किन्नौर के बागवानों की प्रमुख आजीविका सेब की फ सल है, ऐसे में यह प्रदेश सरकार का दायित्व है कि सेब की फ सलों को मंडी तक पहुंचाने में बागवानों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े इसके लिए शीघ्र मार्ग को बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है।

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Content Writer

Vijay

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