जिला राहत एवं पुनर्वास समिति की समीक्षा बैठक में मंत्री के सामने उलझे विधायक व पूर्व मंत्री

punjabkesari.in Wednesday, Aug 02, 2023 - 11:29 PM (IST)

मंडी (रजनीश): मंडी में बुधवार को आयोजित जिला राहत एवं पुनर्वास समिति की समीक्षा बैठक की बल्ह विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक और बल्ह से कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी एवं मंत्री रहे प्रकाश चौधरी आपस में बारिश से हुए नुक्सान को लेकर लोक निर्माण मंत्री के सामने उलझ गए। इस बीच में मंत्री ने आकर माहौल को शांत करवाया। बैठक में गहमागहमी तब शुरू हुई जब बैठक में मौजूद बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी ने बल्ह में पिछले दिनों हुई बारिश से हुए नुक्सान रिपोर्ट रखी। इस बीच में बैठक में मौजूद पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी ने विधायक द्वारा रखी गई नुक्सान की रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए कहा कि विधायक को समस्त बल्ह विधानसभा क्षेत्र में हुए नुक्सान की रिपोर्ट रखनी चाहिए थी। बात यहां तक पहुंच गई कि पूर्व मंत्री किस हैसियत से बैठक में उपस्थित रहे। इस बीच में दोनों के बीच में काफी देर तक बहसबाजी होती रही। बैठक में माहौल ज्यादा बिगड़ता देखकर मंत्री ने बीच में आकर माहौल को शांत करवाया। 

जनता द्वारा नकारे नेताओं को बैठाना दुर्भाग्यपूर्ण : अनिल 
पूर्व मंत्री एवं भाजपा के विधायक अनिल शर्मा ने कहा कि आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों को लेकर बुलाई गई समीक्षा बैठक में कांग्रेस पार्टी के जनता द्वारा नकारे हुए नेताओं को अधिकारियों के बीच बिठाना दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा के विधायक बैठक में लोक निर्माण मंत्री के अगल-बगल बैठे 2-2 बार जनता द्वारा हराए नेताओं के बैठते ही वाकआऊट करने लगे थे लेकिन फिर हमने निर्णय लिया कि आपदा की इस घड़ी में जनता के हित में फैसले होने हैं तो ऐसा करना उचित नहीं होगा।कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों को मीटिंग में बैठाकर लोक निर्माण मंत्री आखिर क्या दिखाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण मंत्री ही खुद पलटू राम हैं जो अपनी किसी बात पर कभी कायम नहीं रहते। 

क्या बोले विधायक व पूर्व मंत्री
बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी ने कहा कि लोक निर्माण मंत्री ने बैठक में अपने साथ दाएं और बाएं जनता द्वारा हारे और नकारे कांग्रेस नेताओं को क्यों बिठाया था। जो इस बैठक के सदस्य तक नहीं है।
वहीं पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी ने कहा कि विधायक ने बैठक में केवल सैकढ़ खड्ड में हुए नुक्सान की बात रखी। विधायक को इस बात का भी पता नहीं है कि सैकढ़ खड्ड में 25 पंचायतें नहीं बल्कि 4 पंचायतों लगती हैं जो बाद में सुकेती खड्ड में मिल जाती है।

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Content Writer

Vijay

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