Mandi: बीटैक पाठ्यक्रम शुरू करेगा सरदार पटेल विश्वविद्यालय

punjabkesari.in Saturday, Aug 24, 2024 - 11:01 PM (IST)

मंडी (रजनीश): सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी अगले शैक्षणिक सत्र से विश्वविद्यालय में स्व-वित्तपोषित मोड में कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर एंड इलैक्ट्रॉनिक्स, आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस, रोबोटिक्स इंजीनियरिंग और सूचना प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों में बीटैक पाठ्यक्रम शुरू करेगा। शनिवार को सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी की अकादमिक परिषद की पहली बैठक में इसे मंजूरी दी गई। कुलपति प्रो. ललित कुमार अवस्थी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जूलोजी में पीएचडी कोर्स वर्क के पाठ्यक्रम, एमएससी कैमिस्ट्री, इंडस्ट्रियल कैमिस्ट्री, एमबीए, बीएससी-एमएससी इंटीग्रेटेड फिजिक्स, एमसीए और पीएचडी कोर्स वर्क में सामान्य पाठ्यक्रमों के लिए समान पाठ्यक्रम की समीक्षा करके उन्हें मंजूरी दी गई।

बैठक में विश्वविद्यालय परिसर और संबद्ध महाविद्यालयों में नए स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया गया। निर्णय लिया गया कि कोई भी नया पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव शैक्षणिक सत्र शुरू होने से कम से कम 6 माह पहले विश्वविद्यालय को प्रस्तुत किया जाना चाहिए। बता दें कि विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद से विभिन्न कारणों से अकादमिक परिषद का गठन नहीं हो सका था, जिस कारण विभिन्न शैक्षणिक मुद्दे लंबित थे। कुलपति का पदभार संभालने के बाद प्रो. अवस्थी ने 16 सदस्यीय अकादमिक परिषद का गठन किया, जिसकी पहली बैठक आयोजित की गई।

बैठक में प्रो. अनुपमा सिंह प्रति कुलपति, ई. सुनील वर्मा रजिस्ट्रार, प्रो. राजेश कुमार डीन भौतिक विज्ञान, डा. करण गुप्ता डीन शैक्षणिक मामले, डा. मंदीप शर्मा प्रिंसीपल राजकीय महाविद्यालय कुल्लू, डा. सुजाता प्रिंसीपल राजकीय महाविद्यालय सैंज, डा. सुरीना शर्मा प्रिंसीपल वीजीसी मंडी, डा. रिखी राम कौंडल प्रिंसीपल राजकीय महाविद्यालय सरकाघाट, डा. सुनील ठाकुर डीन जीवन विज्ञान, डा. पवन चंद डीन प्रबंधन, डा. अक्षय कुमार, डा. लखवीर, डा. गौरव कपूर, डा. नरिंद्र सिंह, डा. हितेश और डा. राजेश उपस्थित थे।

विद्यार्थियों को मिलेगी मूल्यांकित उत्तर पुस्तिका की फोटोकाॅपी
बैठक में अनुमोदित अन्य मदों में परिणाम घोषित होने के 30 दिनों में छात्रों को ऑनलाइन आवेदन पत्र के माध्यम से मूल्यांकित उत्तर पुस्तिका की फोटोकाॅपी फीस के साथ उपलब्ध करवाना शामिल है। विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्यों ने विश्वविद्यालय को उसके सभी शैक्षणिक और सह-पाठ्यचर्या संबंधी मामलों में अपना पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। प्राचार्यों ने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय को अपना स्वयं का सांस्कृतिक उत्सव और खेल कैलेंडर शुरू करना चाहिए।


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Content Writer

Kuldeep

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