Kullu: रोहतांग दर्रे सहित मनाली व लाहौल-स्पीति के ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहा हिमपात
punjabkesari.in Sunday, Oct 05, 2025 - 11:00 PM (IST)

मनाली (सोनू): पर्यटकों के लिए मौसम खुशनुमा हो गया है। हिमपात होने का समाचार पर्यटकों के लिए खुशखबरी लेकर आया है। वहीं दूसरी ओर हिमपात से लेह के मुसाफिरों की दिक्कत बढ़ गई है। रोहतांग, बारालाचा, शिंकुला व कुंजम दर्रे सहित मनाली व लाहौल-स्पीति के ग्रामीण क्षेत्रों में भी हिमपात हो रहा है। कुल्लू-मनाली में बारिश का क्रम जारी है। जिससे मौसम ठंडा हो गया है। समय से पहले हिमपात से लेह की सप्लाई भी प्रभावित हुई है।
मनाली से रोहतांग होकर लेह जा रहे डीजल-पैट्रोल के टैंकर भी मढ़ी में रोकने पड़े हैं। गौर हो कि अन्य ट्रक अटल टनल होकर लेह जाते हैं लेकिन डीजल-पैट्रोल के टैंकर सुरक्षा की दृष्टि से अभी भी रोहतांग होकर ही भेजे जाते हैं। हिमपात की रफ्तार तेज होती देख रोहतांग दर्रे में वाहनों की आवाजाही को रोक दिया गया है। रोहतांग दर्रे सहित राहनीनाला, मढ़ी, गुलाबा, कॉकसर, अटल के नॉर्थ व साऊथ पोर्टल व अंजनी महादेव में बर्फबारी हो रही है, जिससे यह मौसम सुहावना हो गया है।
पर्यटन कारोबारी जितेंद्र वर्मा, संदीप सूद व हैप्पी का कहना है कि मनाली की चोटियों पर ताजा हिमपात हुआ है, जो पर्यटकों के लिए एक सुखद समाचार है। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को बर्फ से ढकी वादियां और ठंड का आनंद लेने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि दशहरा पर्व के चलते रौनक बढ़ी है लेकिन पहाड़ों पर हिमपात होने से पर्यटन को संजीवनी मिली है। हिमपात से पर्यटन रफ्तार पकड़ेगा।
समय से पहले हिमपात से लेह की सप्लाई भी प्रभावित हुई है। इन दिनों लेह-लद्दाख के लिए सेना के रसद सहित लोगों की जरूरत के सामान को लेकर ट्रकों की आवाजाही जारी है। 15 अक्तूबर के बाद हिमपात की अधिक आशंका रहती है, लेकिन इस बार अक्तूबर के पहले सप्ताह में ही मौसम मेहरबान हो गया है। रविवार को भी लेह जा रहे ट्रक मढ़ी व दारचा में रोके जा रहे हैं जबकि कुछ एक वाहन दर्रे के आसपास भी फंस गए हैं। लेह से मनाली आ रहे वाहन भी जगह-जगह रुक गए हैं।
डीएसपी मनाली केडी शर्मा का कहना है कि रोहतांग दर्रे में हिमपात की गति तेज हो गई है। दर्रे में अब तक चार इंच बर्फ गिर चुकी है। रोहतांग दर्रा वाहनों के लिए बंद कर दिया है। कुछ टैंकर मढ़ी में रोके गए हैं। सभी वाहन चालकों से आग्रह है कि मौसम के हालात को देखते हुए सुरक्षित स्थानों में रुक जाएं। दर्रे में हिमपात होता देख सफर करने का जोखिम न उठाएं।