Manali-Leh Highway: BRO ने बर्फ का सीना चीर यात्रियों को दी बड़ी राहत, 6 माह से बंद पड़ा मनाली-लेह हाईवे बहाल

punjabkesari.in Tuesday, May 13, 2025 - 11:10 AM (IST)

हिमाचल डेस्क। मनाली-लेह हाईवे, जो पिछले छह महीनों से बंद था, आखिरकार आम जनता के लिए फिर से खुल गया है। बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेश (BRO) ने भारी बर्फबारी के बाद इस महत्वपूर्ण सड़क मार्ग को बहाल कर दिया है, जिससे लेह-लद्दाख घूमने के इच्छुक बाइकर्स और अन्य यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत मिली है। यह मार्ग पिछले साल 15 नवंबर से बंद था और इस बार अत्यधिक बर्फबारी के कारण खुलने में 19 दिन की देरी हुई।

सर्दियों में भारी हिमपात के कारण 475 किलोमीटर लंबा मनाली-दारचा-सरचू-लेह सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गया था। 6 महीने के लंबे इंतजार के बाद, सोमवार को दीपक प्रोजैक्ट के तहत 38 टास्क फोर्स के कमांडर कर्नल गौरव बंगारी और हिमांक प्रोजैक्ट के 753 टास्क फोर्स के कमांडर कर्नल एएस शर्मा की उपस्थिति में हिमाचल और लद्दाख की सीमा पर स्थित सरचू में एक उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर "गोल्डन हैंडशेक" सेरेमनी भी हुई, जिसके बाद आधिकारिक तौर पर हाईवे को यातायात के लिए खोल दिया गया। पांच साल के एक बच्चे तेंजिन देचन ने रिबन काटकर इस महत्वपूर्ण मार्ग को जनता के लिए खोला। अधिकारियों ने बताया कि इस हाईवे पर वाहनों की आवाजाही सामान्य रूप से शुरू हो जाएगी।

लाहौल के दारचा की ओर से सरचू की तरफ बर्फ हटाने का कार्य 21 मार्च को शुरू किया गया था। इस चुनौतीपूर्ण कार्य को पूरा करने के लिए कुल 12 मशीनें लगाई गई थीं, जिनमें 4 स्नो कटर, 2 इस्कालेटर, 2 डोजर और 1 जेसीबी शामिल थीं। 70 आरसीसी के ऑफिसर कमांडिंग मेजर तेजस मोरे ने जानकारी दी कि दारचा से सरचू तक बर्फ हटाने में लगभग 50 दिन लगे। उन्होंने बताया कि बारालाचा पास में 26 हिमस्खलन संभावित क्षेत्र थे, जिनमें से 12 स्थानों पर 50 फुट तक बर्फ जमा थी, जिसे हटाना एक बड़ी चुनौती थी।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि लेह-मनाली हाईवे लेह-लद्दाख और चीन सीमा तक पहुंचने के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण मार्ग है। लेह तक पहुंचने के लिए मनाली और श्रीनगर की ओर से केवल दो ही राजमार्ग हैं, और सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण दोनों ही बंद हो जाते हैं। इस वर्ष, अधिक बर्फबारी के कारण इस मार्ग को खुलने में देरी हुई। अब हाईवे के खुलने से बड़ी संख्या में पर्यटक लेह-लद्दाख का रुख कर सकेंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।


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Content Editor

Jyoti M

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