लॉ एंड ऑर्डर पर नेता प्रतिपक्ष अग्निहोत्री ने जयराम सरकार को लिया आड़े हाथ

punjabkesari.in Tuesday, Oct 09, 2018 - 11:30 AM (IST)

शिमला (राक्टा): प्रदेश सरकार की लचर कार्यप्रणाली के चलते राज्य में आपराधिक तत्व बेलगाम घूम रहे हैं। इसी का परिणाम है कि देवभूमि में शूटआऊट, हत्या और बलात्कार जैसी संगीन वारदातें लगातार सामने आ रही हैं। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के 9 माह के कार्यकाल में मर्डर केसों का आंकड़ा 100 से ऊपर पहुंच जाना यहां लॉ एंड ऑर्डर पर कई सवाल खड़े कर रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में सरकार द्वारा प्रायोजित गुंडागर्दी के भी आरोप लग रहे हैं जिससे जयराम सरकार भी सवालों के घेरे में है। उन्होंने कहा कि आए दिन आपराधिक मामलों से देवभूमि दहलने लगी है। 

अग्निहोत्री ने कहा कि नेरवा मर्डर केस में पुलिस की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है। इसी तरह जिंदान केस की निष्पक्ष जांच को लेकर बार एसोसिएशन को हाईकोर्ट में याचिका दायर करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि मोहाली पुलिस द्वारा नयनादेवी में एक बदमाश का एनकाऊंटर कर दिया जाता है जबकि राज्य पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगती। इसी तरह कसौली शूटआऊट मामला भी यहां सरकारी तंत्र पर कई सवाल खड़े कर रहा है। ज्वाली हरसर गोलीकांड ने भी प्रदेशवासियों को हिलाकर रख दिया है। इसके साथ ही कांगे्रस के एक पूर्व विधायक के भाई और इंटक प्रदेशाध्यक्ष बावा हरदीप सिंह पर जानलेवा हमला तथा बद्दी में निजी स्कूल के प्रिंसीपल का मर्डर होना सहित ऐसे कई मामले हैं जो कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा करते हैं। 

दावे पर दावे, जमीनी स्तर पर शून्य
मुकेश अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल के नेताओं द्वारा पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों पर दबाव बनाया जा रहा है। ऐसा होने से आपराधिक तत्व बेलगाम होने लगे हैं। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था को लेकर सरकार दावे तो बहुत कर रही है लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हो रहा है।

सी.एम. कार्यालय में वरिष्ठ आई.पी.एस.
अग्निहोत्री ने कहा कि कानून व्यवस्था को दरकिनार कर सरकार ने वरिष्ठ आई.पी.एस. अधिकारी को सी.एम. कार्यालय में बिठा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए उचित कदम उठाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय में नए-नए विंग और हैल्पलाइन नंबर जारी कर सरकार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती है। 


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Ekta

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