कोटखाई केस : बागवान के घर CBI की दस्तक, पौने 3 घंटे चली पूछताछ

punjabkesari.in Sunday, Jul 30, 2017 - 10:53 PM (IST)

हलाईला (शिमला): गुडिय़ा मर्डर मामले में सी.बी.आई. ने रविवार को हलाईला के बड़े बागवान अनंतराम नेगी से पूछताछ की। सी.बी.आई. की टीम दोपहर 1 बजे अनंतराम नेगी के घर पहुंची। ये पूछताछ अनंतराम के घर की तीसरी मंजिल में पौने 3 घंटे तक चली। अनंतराम ने भी डी.आई.जी. जगवीर सिंह, एस.पी.एस.एस. गुरंम और डी.एस.पी. सीमा पाहूजा के सवालों के बेबाकी से जवाब दिए। दोपहर बाद 3.15 बजे सी.बी.आई. के इन उच्च अधिकारियों की टीम ने न्यायिक हिरासत में चल रहे आशीष चौहान के घर जाकर उसके परिजनों से पूछताछ की। आशू के परिजनों से भी करीब पौने 1 घंटे तक पूछताछ की गई।

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बच्चा बनकर शॉर्टकट रास्ते से गुडिय़ा के गांव पहुंची सी.बी.आई.
सी.बी.आई. की दूसरी टीम बच्चे बनकर शॉर्टकट रास्ते से पैदल चलकर गुडिय़ा के गांव शिरगुली तक गई। सुबह के समय टीम गुडिय़ा के महासू स्कूल से पैदल चली और गुडिय़ा के घर तक पहुंची। इस दौरान सी.बी.आई. की तीसरी टीम ने दांदी के जंगल में चरानियों से काफी देर तक पूछताछ की। बता दें कि दांदी के जंगल में बड़ी संख्या में चरानी व उनकी पत्नियां लकड़ी चीरने का काम कर रहे हैं। चरानी वन निगम की लकडिय़ां चीर रहे हैं। सी.बी.आई. ने चरानी व उनकी पत्नियों के बयान को भी कमलबद्ध किया है। इस तरह दांदी के जंगल में रविवार को दिनभर हलचल मची रही।

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राजनीतिक दबाव में जांच की दिशा भटकी : बागवान
गुडिय़ा मर्डर मामले के पांचों आरोपियों के मालिक अनंतराम नेगी से सी.बी.आई. ने लंबी पूछताछ की है। अनंतराम ने सी.बी.आई. को बताया कि गुडिय़ा मामले में पकड़े गए पांचों आरोपी बेकसूर हैं। क्षेत्र के एक व्यक्ति ने अपनी निजी खुनस निकालने के मकसद से इन्हें फसाया है। उसने बताया कि शुरू में पुलिस की जांच सही दिशा में चल रही थी लेकिन एस.आई.टी. के गठन के बाद राजनीतिक दबाव में जांच की दिशा भटक गई। उसने हवालात में हुई हत्या पर भी सवाल खड़े किए हैं। उसने सी.बी.आई. को बताया कि राजू कभी भी सूरज की हत्या नहीं कर सकता। उसने अंदेशा जताया कि पुलिस लॉकअप में पुलिस के हाथों सूरज की हत्या हुई है। वें दोनों आपस में बहुत अच्छे दोस्त थे। 

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प्रदेश में लोगों द्वारा की गई हड़ताल सही
बागवान ने प्रदेशभर में लोगों द्वारा की गई हड़ताल को सही बताते हुए कहा कि यदि हड़ताल न होती तो निर्दोष लोगों को सजा मिल जाती लेकिन अब सी.बी.आई. जांच के बाद उन्हें आस है कि असल दोषियों को ही सी.बी.आई. सजा देगी। बागवान ने कहा कि यदि इस मामले में उसका बेटा भी दोषी होगा तो उसे भी फांसी मिलनी चाहिए। उसने नेपालियों के ढारे तोडऩे की खबरों को भी निराधार बताया और कहा कि हलाईला क्षेत्रों को साजिश के तहत बदनाम किया जा रहा है। आशीष को लेकर भी उसने दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया, साथ ही कहा कि जिस दिन गुडिय़ा के साथ दरिंदगी हुई है, उस दिन वो स्वयं शिमला में था।

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प्रधान व फोरैस्ट गार्ड से भी की पूछताछ
बहुचर्चित गुडिय़ा मामले में सी.बी.आई. ने महासू पंचायत की प्रधान सरोज कंवर के बयान बान-कुफर विश्राम गृह में कलमबद्ध किए और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। इस दौरान स्थानीय फोरैस्ट गार्ड से भी सी.बी.आई. ने पूछताछ की है। सी.बी.आई. की टीम बान-कुफर के विश्राम गृह में कई दिनों से डेरा डाले हुए है।


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