कसौली शूटआउट पर बोले GS बाली, सरकारी सिस्टम पर फोड़ा ठीकरा (Video)

punjabkesari.in Thursday, May 03, 2018 - 04:56 PM (IST)

धर्मशाला (जिनेश): हिमाचल के कसौली में अवैध निर्माण ढहाने गई महिला अधिकारी की हत्या की घटना देवभूमि के लिए एक धब्बे के समान है। हिमाचल के लोग अपनी शांति सौहार्दपूर्ण वातावरण के लिए जाने जाते हैं लेकिन कसौली में हुई यह घटना दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण है। यह बात पूर्व परिवहन मंत्री जी.एस. बाली ने धर्मशाला में एक पत्रकार वार्ता के दौरान कही। उन्होंने इस सारी घटना का ठीकरा सिस्टम के फेल होने पर फोड़ दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से ऐसे घटनाक्रम हो रहे हैं, वह प्रदेश के लिए बहुत बड़ी बात है। यह बातें अक्सर दूसरे प्रदेशों में सुनी जाती थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोई भी सरकार हो, इस घटना का कड़ा संज्ञान गंभीर तरीके से लेना चाहिए ताकि इस प्रकार के हादसे कभी सामने न आए। 


उन्होंने आरोप लगाया कि प्रयुक्त पुलिस बल होने के बावजूद भी इस प्रकार की घटना होना निंदनीय है। इसके बाद उक्त व्यक्ति का भाग जाना भी सवाल खड़े करता है। बाली ने मांग की है कि डिवीजन कमीश्नर जो कि इस मामले की जांच कर रहे हैं, इन सब पहलुओं की जांच करें। ऐसी घटनाओं का कड़ा संज्ञान सरकार को लेना चाहिए, न कि अपनी कमजोरियां इसको लेकर बढ़ानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व में उनकी सरकार के दौरान उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री को प्रदेश में बढ़ रहे अवैध निर्माण के चलते एक पत्र लिखा था जिसमें रिटेंशन पॉलिसी को न बदलने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चाहे जो भी सरकार हो रिटेंशन पॉलिसी एक ही होनी चाहिए जिससे इस प्रकार की घटनाओं पर पूरा लगाम लग सके। 


जीएस बाली ने कहा कि भवन निर्माण सरकारी व निजी लोगों को एक सामान अधिकार होने चाहिए। यदि किसी जगह में अवैध निर्माण किया जाता है तो उक्त निर्माण की जिम्मेदारी अधिकारियों की होनी चाहिए कि कैसे उनके समय अवैध निर्माण हुआ। कसौली की घटना के बाद उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर एक्सन प्लॉन बनाना चाहिए, जिसमें सभी पार्टियों को भी साथ लेना चाहिए ताकि सबकी जिम्मेदारी बनाई जा सके जिससे अवैध निर्माण न हो, चाहे प्रदेश में कोई भी सरकार सत्ता में हो। उन्होंने दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे अपराधिक घटना पर भी सरकार पर निशाना साधा कि कानून व्यवस्था ठीक करना सरकार का कार्य है। रोहतांग के लिए चलने वाली इलैक्ट्रिकल बस को चलाने में देरी के चलते उन्होंने सरकार को घेरा और कहा कि वह दबाव में चल रही है तो सरकार बताएं कि उन पर कौन सा दबाव है, सामने लाया जाए। 


बाली ने कहा कि सरकार नेग्टिव कार्य कर रही है। इससे पहले वह उनके कार्यों पर इसलिए चुप थे ताकि नई-नई सरकार बनी है और इनको समझने के लिए समय लगता है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि कई अधिकारी उनके समय में किए गए उद्घाटनों की पट्टिकाओं को बदल रही है, जो कि गलत कार्य है। ऐसे अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि सरकारी तंत्र सही ढंग से कार्य कर सके। लोकसभा चुनावों में तैयारी के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि इसके लिए पार्टी जल्द की कार्य शुरु कर देगी। नूरपुर बस हादसे के मामले में भी सरकार द्वारा कदम न उठाने को लेकर बाली ने कहा कि इसमें प्रदेश के सभी नेता घटनास्थल पर पहुंच रहे थे जबकि उक्त नेताओं को पीड़ित परिवारों से खुद बातचीत करनी चाहिए थी ताकि उनको भी संतुष्टि होती। 


उन्होंने पंजाब केसरी द्वारा उठाए जा रहे इस हादसे के मुद्दे को लेकर कहा कि यदि नेताओं द्वारा परिवारों वालों की संतुष्टि करवाई होती तो आज व सड़क पर खड़े होते न कि सी.बी.आई. जांच की मांग कर रहे होते। उन्होंने कहा कि अपनी सरकार के दौरान उन्होंने रोड सेफ्टी के तहत बहुत अच्छा कार्य किया था। बसों में ड्राइवर का फोन प्रयोग में लाने की जानकारी देने पर सवारियों को इनाम देने का कदम भी उठाया था तथा वर्तमान सरकार को भी ऐसे कदम उठाने चाहिए।


बेरोजगारी भत्ते पर फिर से निकलेंगे प्रदेश भर में
बाली ने कहा कि प्रदेश में 12 लाख से अधिक लोग अभी भी बेरोजगार हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के दौरान बेरोजगारी भत्ता देना आरंभ किया था लेकिन वर्तमान सरकार ने बेरोजगारी भत्ता बंद कर दिया। इस लड़ाई के लिए वह फिर से प्रदेश भर में जाएंगे तथा युवाओं से बात करेंगे। उनकी सरकार के दौरान 150 करोड़ रुपए का प्रावधान बेरोजगारी भत्ते के लिए किया गया था। एच.आर.टी.सी. की बसें अधिक होने पर बाली ने कहा कि अगर उनको लगता है कि प्रदेश में अधिक बसें खरीदी गई तो वह उनको वापिस भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में जब भाजपा की सरकार सत्ता में थी तो हमारी सरकार आते ही हमने सारी बस कंपनियों का बकाया आते ही चुका दिया था। वर्तमान में सरकार द्वारा अभी तक कई कंपनियों का पैसा नहीं चुकाया गया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में जब भी वह परिवहन विभाग उनके पास आएगा तो जैसे उन्होंने पुरानी बसों की चलने की वैधता 15 साल रखी थी। उसी प्रकार भविष्य में रुट परमिट को भी रिव्यू किया जाएगा ताकि सालों से एक ही रुट पर चला रहे बसों के बदले बेरोजगारों को रुट मिल सके।​


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